परेशान होकर भाग कर आये तीन मजदूर
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आंध्र में डुमरिया के मजदूरों से सप्ताह में 150 रुपये देकर करायी मजदूरी
परेशान होकर भाग कर आये तीन मजदूर दिन में सिर्फ दो बार दिया जाता था भोजन श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी ने कहा-होगी कार्रवाई डुमरिया : डुमरिया की केंदुआ पंचायत स्थित रांगामाटिया गांव के आठ मजदूर रोजगार की तलाश में आंध्र प्रदेश गये हैं. इनमें से तीन मजदूर लुगु हेंब्रम, सुकलाल उगुरसुंडी और रायसेन हांसदा मजदूरी नहीं […]
दिन में सिर्फ दो बार दिया जाता था भोजन
श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी ने कहा-होगी कार्रवाई
डुमरिया : डुमरिया की केंदुआ पंचायत स्थित रांगामाटिया गांव के आठ मजदूर रोजगार की तलाश में आंध्र प्रदेश गये हैं. इनमें से तीन मजदूर लुगु हेंब्रम, सुकलाल उगुरसुंडी और रायसेन हांसदा मजदूरी नहीं मिलने के कारण वापस आ गये हैं. तीनों ने बताया कि 10 हजार रुपये मासिक मजदूरी देने की बात कह कर आंध्र प्रदेश में काम कराने ले जाया गया था. उनसे इंजन बनवाने का काम करवाया जाता था. इसके बदले उन्हें सप्ताह में 100-150 रुपये ही दिये जाते थे. दिन में सिर्फ दो बार खाना दिया जाता था.
उनसे दोपहर में भुखे काम करवाया जाता था. इस परेशानी से तंग आकर उनके साथी राम किशन देवगम, दामु देवगम, साहेब देवगम, रवि सरदार, नरेंद्र तिउ आदि दूसरे कंपनी में काम करने चले गये. मजदूरों ने कहा कि वे जिस जगह काम करते थे, वहां तमिल भाषा में बातचीत होती थी. इसलिए वे जगह का नाम नहीं बता पा रहे हैं. मजदूरों ने बताया कि वे भाग कर
13 अक्तूबर को अपने घर वापस आ गये.इस संबंध में डुमरिया के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी भोला प्रसाद ने बताया कि ऐसे मामले में इंटर स्टेट माइग्रेशन लेवर एक्ट के तहत मजदूरी कराने वाले कंपनियों पर मामला दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि पंचायत सचिव को लाल और हरा कार्ड दिया गया है.
श्री प्रसाद ने बताया कि पंचायत सचिव के कार्यालय में पंजीकृत कर मजदूरों को बाहर मजदूरी कराने ले जाने का प्रावधान है. यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो यह गलत है.
वापस आने वाला मजदूर.
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