धालभूमगढ़ : प्रखंड के नरसिंहगढ़ अग्रसेन भवन में रविवार को धरा उत्थान संग्राम कमेटी झारखंड के तत्वावधान में कोल्हान क्षेत्र के धरा समुदाय का एक दिवसीय सम्मेलन हुआ. इसकी अध्यक्षता विद्या धीवर ने की. मुख्य अतिथि रांची उच्च न्यायालय के अधिवक्ता डॉ रतन महतो ने कहा कि कोल्हान में करीब 20 हजार धीवर रहते हैं. जामशोला और वर्णीपाल से चांडिल के चिलगु तक विभिन्न नदियों के किनारे धीवर रहते हैं.
भारत और झारखंड सरकार की जाति आधारित सूची में धरा जाति सूचीबद्ध नहीं है. धरा धीवर का पर्यायवाची शब्द है. धरा जाति के लोगों के नाम झारखंड में जाति प्रमाण पत्र निर्गत नहीं होता है. धरा/धीवर समुदाय के पढ़े लिखे युवक और युवतियां नौकरी से वंचित हैं. धरा समुदाय का पेशा मछली पकड़ना है. धरा समुदाय के लोगों को आर्थिक स्थिति अन्य आदिवासियों से दयनीय है. अधिकांश धीवर के पास पूर्वजों के नाम भूमि नहीं है.
राजनीतिक दलों के नेता भी धीवर समुदाय के उत्थान के लिए सकारात्मक पहल नहीं करते हैं. धरा जाति में आदिवासी की तरह संस्कार, संस्कृति और पूजा विद्यमान है. निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार को टीआरआइ से जांच करा कर एसटी में सूचीबद्ध करने के लिए मांग पत्र सौंपा जायेगा. अपने हक के लिए चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा. विशिष्ठ अतिथि श्यामसुंदरपुर पंचायत की पंचायत समिति सदस्य रायमनी हेंब्रम, असंगठित मजदूर यूनियन धालभूमगढ़ अध्यक्ष अनिल महतो, खुदी राम महतो, सरोज महतो, दीपक निशाद उपस्थित थे.