गालूडीह : केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की दो सदस्यीय टीम बुधवार की सुबह दस बजे गालूडीह बराज पहुंची. टीम में शामिल सीडब्ल्यूसी के निर्देशक आरके कनोडिया और चीफ इंजीनियर संजीव अग्रवाल ने बराज के आइबी में अभियंताओं के साथ बैठक की. इस दौरान सुवर्णरेखा परियोजना में अब तक क्या काम हुआ है, क्या बाकी है और कब तक पूरा होगा पर चर्चा की. किसानों की खेतों तक कैसे जल्द पानी पहुंचे. नहरों से कितनी जमीन सिंचित होगी,
जमीन अधिग्रहण की अचड़नें कैसे खत्म हो आदि पर चर्चा की. बैठक के बाद निर्देशक आरके कनोड़िया ने बताया कि परियोजना की कुल लागत 6600 करोड़ पहुंच गयी है. 2018 मार्च तक परियोजना पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
पाइप बिछाकर पटवन की योजना
बैठक में मुख्य बायीं नहर से अब शाखा नहर निर्माण के बदले पाइप बिछा कर पटवन की योजना बनायी गयी. कहा गया कि इससे किसान की जमीन अधिग्रहित नहीं होगी. जमीन के पांच-छह फीट नीचे खोद कर पाइप बिछायी जायेगी. इससे पटवन होगा. इस योजना को जल्द जमीन पर उतारने को कहा गया. बैठक में पानी देने के मसले पर एचसीएल से एमओयू करने की बात कही गयी. करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक के बाद टीम के पदाधिकारी निरीक्षण में निकले. बैठक में बराज अंचल के अधीक्षण अभियंता आरएन प्रसाद, कार्यपालक अभियंता सुखदेव वर्णवाल, हरी नारायण, सात नंबर डिवीजन के कार्यपालक अभियंता राज कुमार यादव समेत सभी डिवीजनों के सहायक अभियंता उपस्थित थे.
कार्य में तेजी लाने का निर्देश
सीडब्ल्यूसी की टीम ने बराज डैम, दायीं और बायीं नहर का निरीक्षण किया. टीम ने गालूडीह से पिताजुड़ी तक करीब 34 किमी तक बायीं नहर का निरीक्षण किया. घाटशिला और धालभूमगढ़ के बीच 14 और 18 किमी पर दायीं नहर का निरीक्षण किया. टीम के पदाधिकारियों ने कार्यों में तेजी लाने का निर्देश अभियंताओं को दिया.