बहरागोड़ा : धन, दौलत, महल, अटारी सब कुछ यहीं रह जायेगा. सोना रुपी शरीर भी मिट्टी में मिल जायेगा. गुरु के बैंक में सिर्फ अच्छे कर्म ही रह जायेंगे. इसलिए गुरु के बताये मार्ग पर चलें. मानवता के हित में अच्छे कर्म करें. उक्त बातें अरुप चैतन्य ब्रह्मचारी ने कही. वे शनिवार को बहरागोड़ा के पूर्वांचल स्थित घासापादा-ब्रह्मणकुंडी में मानुषमुरिया निगमानंद विभागीय आश्रम के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय अविभाजित सिंहभूम भक्त सम्मेलनी में भक्तों को संबोधित करते हुए कही.
उन्होंने कहा कि मनुष्य का कर्म ही रह जाता है. कर्मों के कारण मनुष्य अमर हो जाता है. गुरू ने मानवता के हित में अच्छे कर्म करने का संदेश दिया था. आज इस बात की जरूरत है कि हजारों निगमानंद खड़े हों. तभी मनुष्य का जाति का कल्याण होगा. उन्होंने कहा कि गुरू की भक्ति में भाव जरूरी है. भाव के बिना भक्ति कोई मायने नहीं रखती है.
उपस्थित भक्तों को स्वामी दिव्यानंद सरस्वती, देवेश चैतन्य ब्रम्हचारी, गिरीराज महाराज, अतुल चंद्र ब्रम्हचारी, भाष्करा नंद सरस्वती आदि ने भी संबोधित किया. भक्त सम्मेलनी के दूसरे दिन भक्तों की भारी भीड़ रही. जय गुरू के उदघोष से इलाका गूंजता रहा
इस अवसर पर योगेश्वर प्रधान, विभास दास, पियुष कुमार प्रधान, दीपक महापात्रा, सुशांत कुमार दास, रवींद्र नाथ माइती, स्वपन कुमार सेन, सदाशिव सेन, ज्ञान बल्लभ सेन, पशुपति नंदी, सत्येंद्र विकास सेन, मिहिर कुमार, अंनत लाल दत्त, प्रताप चंद्र नंदी, सुनील मुदूर समेत हजारों पुरुष और महिला भक्त उपस्थित थे.
600 भक्तों ने ली दीक्षा:हरि मंडप में निगमानंद की तसवीर के समक्ष 600 भक्तों ने दीक्षा ली. दिव्यानंद सरस्वती ने भक्तों को दीक्षा दिलायी.
रक्तदान शिविर आज
सम्मेलनी के तीसरे दिन रविवार को यहां रक्तदान शिविर और नेत्र जांच शिविर आयोजित होगा. लोगों से रक्तदान करने की अपील की गयी है.
10 हजार भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया:सम्मेलनी के दूसरे दिन शनिवार को लगभग 10 हजार पुरुष और महिला भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया. सभी ने जमीन पर बैठकर प्रसाद ग्रहण किया.