घाटशिला : घाटशिला प्रखंड की पश्चिम बंगाल सीमा से सटा नक्सल प्रभावित आसना पंचायत सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहा है. पंचायत के गांवों में 131 सरकारी चापानल लगे हैं. इनमें से 55 चापानल मरम्मत के अभाव में खराब पड़े हैं. चापानलों की मरम्मत नहीं हो रही है. जल एवं स्वच्छता विभाग सामग्री उपलब्ध नहीं […]
घाटशिला : घाटशिला प्रखंड की पश्चिम बंगाल सीमा से सटा नक्सल प्रभावित आसना पंचायत सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहा है. पंचायत के गांवों में 131 सरकारी चापानल लगे हैं. इनमें से 55 चापानल मरम्मत के अभाव में खराब पड़े हैं. चापानलों की मरम्मत नहीं हो रही है. जल एवं स्वच्छता विभाग सामग्री उपलब्ध नहीं होने का रोना रो रहा है. इस पंचायत में अभी तक एक भी ग्रामीण जलापूर्ति योजना धरातल पर नहीं उतरी है.
पंचायत के दो गांव बगडुबा और माहताम में आरडीए नामक संस्था के तहत चतराकोचा पहाड़ के झरना पाइप के माध्यम से पानी पहुंचाया गया है. इन दो गांवों के ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध रहा है.
जल एवं स्वच्छता विभाग के जेइ पीके माझी का कहना है कि विभाग के पास चापानल मरम्मत के लिए सामग्री उपलब्ध नहीं है. अपने स्तर से चापानलों की मरम्मत करवा रहे हैं. मुखिया महारानी मुर्मू का कहना है कि खराब चापानलों की सूची बनायी गयी है. सूची को शीघ्र ही बीडीओ और जल एवं स्वच्छता विभाग को सौंपा जायेगा. मुखिया ने कहा कि पंचायत के छोटाधाधिका और आसना में ग्रामीण जलापूर्ति योजना स्वीकृत हुई है. शीघ्र ही निर्माण काम शुरू होगा.