गालूडीह : गालूडीह प्रचानी रंकिणी मंदिर को फोर लेन की जद में आने से बचाने के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया. गालूडीह थाना क्षेत्र की महुलिया, उलदा, बड़ाकुर्शी, जोड़सा, हेंदलजुड़ी, बाघुडि़या, बनकांटी पंचायत के गांवों में हस्ताक्षर अभियान चला कर इस मंदिर को बचाने का अभियान चलाया जा रहा है. अब तक सैकड़ों लोगों […]
गालूडीह : गालूडीह प्रचानी रंकिणी मंदिर को फोर लेन की जद में आने से बचाने के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया. गालूडीह थाना क्षेत्र की महुलिया, उलदा, बड़ाकुर्शी, जोड़सा, हेंदलजुड़ी, बाघुडि़या, बनकांटी पंचायत के गांवों में हस्ताक्षर अभियान चला कर इस मंदिर को बचाने का अभियान चलाया जा रहा है. अब तक सैकड़ों लोगों से हस्ताक्षर कराया गया है. हस्ताक्षर युक्त आवेदन उपायुक्त को और नेशनल हाइवे एथोरेटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों के पास भेजी जायेगी
और प्राचीन रंकिणी मंदिर को बचाने की मांग की जायेगी. सोमवार को मंदिर परिसर में बैठक कर मंदिर को बचाने का संकल्प लिया गया और डीसी से मिलकर मंदिर को बचाने की मांग करने एवं आगे की रणनीति तय करने का निर्णय लिया गया था.
इधर रंकिणी मंदिर के मुख्य पुजारी सह सन्यासी विनय दास बाबाजी ने कहा कि विगत सात दशक से मां रंकिणी की शरण में हैं. बचपन में उपनयन के दौरान घर से निकल गये. करीब 30 वर्ष की उम्र से गालूडीह रंकिणी मंदिर में रह कर पूजा करते आ रहे हैं. आज हमारी उम्र 100 वर्ष पार गये हैं. सात दशक से पौराणिक रंकिणी मंदिर को सजाया, संवारा है. ऐसे कैसे टूटने देंगे. मंदिर टूटा, तो हम भी चले जायेंगे. सरकार, प्रशासन कोई बीच का रास्ता निकाले, ताकि मंदिर भी ना टूटे और फोर लेन भी बन जाये. इसमें सभी का भला होगा.