गालूडीह : दारीसाई कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में किसानों को लाह की खेती और उत्पादन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. केबीके की कार्यक्रम समन्वयक डॉ आरती वीणा एक्का ने किसानों को बताया कि कुसूम, पलास और बैर के पेड़ से लाह उत्पादन होता है. इन पेड़ों की खेती कर लाह उत्पादन बेहतर तरीके से किया जा सकता है.
लाह से निर्मित वस्तुओं की बाजार में काफी कीमत है. इससे महिलाएं हस्त निर्मित वस्तु बनाकर बाजार में बेच सकती है. उन्होंने किसानों से कहा कि रबी और खरीफ की खेती के साथ-साथ लाह उत्पादन पर जोर दिया जाय तो किसान आर्थिक रूप से स्वावलंबी होंगे. झारखंड समेत दूसरे राज्यों में लाह की काफी मांग है.