डुमरिया : वर्ष 2003 में सात-आठ अगस्त की रात नौ नक्सलियों के सेंदरा को लेकर चर्चित डुमरिया प्रखंड की केंदुआ पंचायत का लांगो गांव आज भी उपेक्षा का दंश ङोल रहा है.
नक्सलियों के सेंदरा की घटना के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा समेत पूरी सरकार के साथ आये थे. विकास का वायदा किया गया था, मगर धरातल पर वैसा कुछ नजर नहीं आया. इस गांव का आंगनबाड़ी केंद्र भवन अधूरा पड़ा है. छह माह से काम भी बंद है.
मजदूरों की मजदूरी का भुगतान भी नहीं हुआ है. सेविका बोदु रानी गोप के घर में आंगनबाड़ी केंद्र चलता है. 7.55 लाख की लागत से जिला परिषद के तहत स्वीकृत आंगनबाड़ी केंद्र भवन को अधूरा छोड़ दिया गया है. ग्रामीणों में आक्रोश है. इस गांव के वृद्ध-वृद्धाओं को पेंशन भी नहीं मिलती है.
गरीबों को इंदिरा आवास भी नहीं मिले हैंरांगामाटिया के पास मुख्य सड़क से गांव जाने वाली सड़क भी नहीं बनी है. वार्ड सदस्य अर्जुन मेलगांडी ने कहा कि यह गांव आज भी उपेक्षा का दंश ङोल रहा है.