कोल्हान के बाकड़ाकोचावासियों के बुलंद हौंसले को सलाम
शिव शंकर साहु, डुमरिया
कभी बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते थे. मगर आज तीन हजार फुट पाइप के सहारे और कई सौ मीटर ऊंचे करम राधा पहाड़ के शाकाभांगा झरने का निर्मल पानी उनके पांव चूम रहा है. गांव में अनवरत गंगा बह रही है. ऐसा संभव हुआ है डुमरिया प्रखंड और नक्सल प्रभावित गुड़ाबांदा थाना क्षेत्र स्थित पहाड़ों के बीच बसे 22 परिवार वाले बाकड़ाकोचा गांव के ग्रामीणों के बुलंद हौंसले से. ग्रामीणों ने पहाड़ी झरना के पानी को उपयोग में लाने की एक मिसाल प्रस्तुत की है.
कभी तरसते थे बूंद-बूंद पानी के लिए
इस गांव के गणोश बेसरा कहते हैं कि 22 परिवार सरकारी लापरवाही से बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते थे. गांव में तीन चापानल लगे हैं. मगर तीनों ही कई साल से खराब हैं. कुआं और तालाब नहीं है. खराब चापानलों में ग्रामीण मवेशी बांधते हैं. पानी के लिए हमें भटकना पड़ता था.
झरना का पानी लाने की योजना बनायी
गणोश बेसरा कहते हैं कि ग्रामीणों ने राधा पहाड़ पर स्थित शाकाभांगा झरना का पानी पाइप के सहारे गांव तक लाने की योजना बनायी. इसके लिए आपस में चंदा किया. नौकरी करनेवाले गांव के युवाओं ने भी सहयोग किया. गांव के उमवि के एचएम सचिदानंद चौधरी ने भी ग्रामीणों की मदद की. ग्रामीणों ने तीन हजार फुट पाइप खरीदी और इसी पाइप के सहारे झरना का पानी अपने गांव पहुंचाया. इस पाइप से अनवरत पानी गिरता है.