गालूडीह : ग्रामीण क्षेत्र के गरीब बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र प्रथम सीढ़ी है, परंतु जब स्वच्छता और साफ–सफाई का पाठ पढ़ाने वाले ही खुले आसमान के नीचे एवं बोरा–प्लास्टिक की घेराबंदी कर मासूमों के लिए पोषाहार बनाये, तो इसे आप क्या कहेंगे? ऐसा घाटशिला प्रखंड के हेंदलजुड़ी आंगनबाड़ी केंद्र में देखने को मिला.
दोपहर के वक्त केंद्र में सेविका पुतूल मांझी और सहायिका शोभा हांसदा उपस्थित थीं. इस केंद्र में आठ बच्चे उपस्थित थे. बच्चों के हाथ में स्लेट था. केंद्र के बाहर खुले आसमान के नीचे चूल्हा जल रहा था.
प्लास्टिक बोरा और लकड़ी से घेराबंदी कर रसोई घर बनाये गये थे, जहां बच्चों के लिए पोषाहार बन रहा था. समय–समय पर सहायिका केंद्र से बाहर निकल कर चूल्हे में आंच देती और फिर अंदर चली जाती. सेविका पुतूल मांझी ने बताया कि इस केंद्र में 26 बच्चे नामांकित हैं.
अभी खेती का समय है, इसलिए सोमवार को आठ बच्चे ही उपस्थित हैं. टीएचआर समय पर बांटा जाता है.