मुसाबनी : बागजाता माइंस कार्यालय में बागजाता प्रबंधन, एमएमपीएल के प्रतिनिधि तथा ठेका श्रमिक संघ के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता हुई. एक घंटे चली वार्ता में कोई समाधान नहीं हुआ. ठेका श्रमिक संघ छंटनी के विरोध में तथा नौकरी की मांग को लेकर तीन जुलाई से फिर से बागजाता माइंस के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ कर बेमियादी जाम तथा नाकेबंदी करने वाले है.
मंगलवार की वार्ता में बागजाता माइंस प्रबंधन चंचल मन्ना ने कहा कि एसडीओ के साथ वार्ता में 20 छंटनी वाले ठेका मजदूरों को काम देने पर सहमति बनी थी. ठेका कंपनी एएमएजेबी का बागजाता साइट में कांट्रेक्ट खत्म हो गया है. ऐसे में उसमें कार्यरत ठेका मजदूरों को एक सोसाइटी के तहत काम देने की व्यवस्था की गयी है. श्री मान्ना ने कहा कि सोसाइटी 273 रुपये प्रतिदिन की दर से मजदूरी का भुगतान करेगा. माइंस मैनेजर के कहा कि जब भर्टिकल का काम शुरू होगा, तो मजदूरों को प्राथमिकता के आधार पर बहाली की जायेगी.
सात जुलाई से उक्त सोसाइटी के तहत काम शुरू करने की बात कही गयी. श्रमिक संघ के अध्यक्ष सिंधु हांसदा ने कहा कि ठेका श्रमिकों ने पिछले आठ वर्ष तक बागजाता खदान के विकास में अहम भूमिका निभायी है. कांट्रेक्ट खत्म होने की बात कह कर उन्हें छंटनी किया जा रहा है. अर्ध कुशल मजदूर के रूप में ठेका श्रमिकों की 329 रुपये प्रति दिन मजदूरी मिलती थी. ऐसे में सोसाइटी के तहत प्रति दिन 273 रुपये की मजदूरी उन्हें स्वीकार नहीं है.
वार्ता में पूर्व की भांति 329 रुपये दैनिक मजदूरी भुगतान करने की मांग की. प्रबंधन ने अपनी समर्थता जतायी और वार्ता विफल हो गयी. श्रमिकों ने कहा कि उनकी मांगी पूरी होने तक तीन जुलाई से आंदोलन होगा. वार्ता में प्रशासनिक अधिकारी महेश साव, सहायक प्रबंधक पीके नायक, एएमएजेबी के रंजन कुमार, श्रमिकों में राम मार्डी, चंद्राय हांसदा, लोबो हांसदा, गणोश हेंब्रम आदि उपस्थित थे.