गजानंद फेरो प्राइवेट लिमिटेड के मजदूरों ने सीओ को पत्र लिखा
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रोटेशन में 40 मजदूर नहीं करेंगे काम, नियमित ड्यूटी मिले
गजानंद फेरो प्राइवेट लिमिटेड के मजदूरों ने सीओ को पत्र लिखा धालभूमगढ़ : गजानंद फेरो प्राइवेट लिमिटेड कदमबेड़ा के मजदूरों का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को अंचल कार्यालय पहुंचा. अंचालधिकारी के नाम एक मांगपत्र सौंपा. इसमें 40 मजदूरों को रोटेशन की बजाय नियमित काम देने की मांग की गयी. मांग पत्र में कहा गया कि काम […]
धालभूमगढ़ : गजानंद फेरो प्राइवेट लिमिटेड कदमबेड़ा के मजदूरों का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को अंचल कार्यालय पहुंचा. अंचालधिकारी के नाम एक मांगपत्र सौंपा. इसमें 40 मजदूरों को रोटेशन की बजाय नियमित काम देने की मांग की गयी. मांग पत्र में कहा गया कि काम से वंचित रखे गये 40 मजदूर बीते आठ साल से लगातार कंपनी में काम करते आ रहे हैं. पिछले 28 सितंबर 2017 को कंपनी प्रबंधन ने बिना कारण 84 मजदूरों को अवैध ढंग से हटा दिया. मजदूरों ने इस मसले पर सीओ को ज्ञापन सौंपा था. प्रशासन के हस्तक्षेप से 30 अक्तूबर 2017 को प्रबंधन ने सभी मजदूरों को रोटेशन पर काम करने के लिए लगाया.
मजदूर रोटेशन पर करने लगे. असंगठित मजदूर यूनियन के माध्यम से पूरे माह काम देने की मांग रखी गयी. कंपनी प्रबंधन ने 93 कामगारों का ड्यूटी चार्ट लगाया. अपनी मांगों के समर्थन में 1 मई से मजदूरों ने क्रमिक अनशन शुरू किया. 4 मई को सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स, असंगठित मजदूर यूनियन और कंपनी प्रबंधन के बीच त्रिपक्षीय वार्ता हुई. सभी मजदूरों की कार्य सूची लगाकर नियमित कार्य देने की मांग की गयी. दस दिन बीतने के बाद भी कार्य सूची कंपनी प्रबंधन ने नहीं लगाया है.
शेष मजदूरों को रोजगार नहीं दिया गया है. लगातार 8 वर्षों से काम करने वाले 40 मजदूर कार्य से वंचित हैं. कंपनी में ओड़िशा, पश्चिम बंगाल, बिहार के मजदूर कार्यरत हैं. मांगपत्र में रति कांत उस्ताद, हरेंद्र पानी, माधव हेंब्रम, स्वप्न साव, तपन कुमार महतो, दिन बंधु बेरा, सरोजीत पानी, चंचल पंडित, भगीरथ राणा, गया किशोर पंडित, गौतम नायक, हेमंत महतो, अनिल नायक, चामरू हेंब्रम समेत 68 मजदूरों के हस्ताक्षर है.
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