स्कूल से बेंच-डेस्क, टेबुल-कुर्सी, अलमीरा समेत अन्य सामान भी नहीं ले जाने देंगे
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ग्रामीणों ने कहा-बच्चों को विलय किये गये राजाबासा प्रावि नहीं भेजेंगे
स्कूल से बेंच-डेस्क, टेबुल-कुर्सी, अलमीरा समेत अन्य सामान भी नहीं ले जाने देंगे गालूडीह : घाटशिला प्रखंड की हेंदलजुड़ी पंचायत स्थित धमकबेड़ा प्रावि को गांव से दो किमी दूर राजाबासा प्रावि में विलय करने के खिलाफ मंगलवार को ग्रामीणों, अभिभावकों और बच्चों ने विरोध-प्रदर्शन करते हुए स्कूल में ताला जड़ दिया. ग्रामीणों ने कहा कि […]
गालूडीह : घाटशिला प्रखंड की हेंदलजुड़ी पंचायत स्थित धमकबेड़ा प्रावि को गांव से दो किमी दूर राजाबासा प्रावि में विलय करने के खिलाफ मंगलवार को ग्रामीणों, अभिभावकों और बच्चों ने विरोध-प्रदर्शन करते हुए स्कूल में ताला जड़ दिया. ग्रामीणों ने कहा कि विलय किए गये राजाबासा स्कूल में बच्चों को नहीं भेजेंगे. धमकबेड़ा स्कूल में ही ग्रामीण अपने स्तर से समानांतर स्कूल बुधवार से चलायेंगे. घर-घर से चावल लेकर मध्याह्न भोजन बच्चों को खिलायेंगे. गांव के शिक्षित युवक और युवतियां बच्चों को पढ़ायेंगे.
किसी भी तरह की सरकारी सुविधा नहीं लेंगे. स्कूल से बेंच-डेस्क, टेबुल-कुर्सी, आलमीरा समेत अन्य सामान भी नहीं ले जाने देंगे. ग्रामीणों ने स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक विजय कुमार पांडेय को लिखित सौंपा. एचएम ने इसकी सूचना बीइइओ वैद्यनाथ प्रधान को दे दी. विरोध-प्रदर्शन में एसएमसी के अध्यक्ष भानु कर्मकार, दुलाल चंद्र हांसदा, काला सरकार, रजनी कांत महतो, नगेन नाथ महतो, चंडीचरण महतो, अशोक महतो, कमल महतो, विशाल महतो, जगदीश महतो, नमिता महतो, गीतारानी महतो, मालती महतो, भारती महतो, दुली महतो, सरला सबर आदि उपस्थित थे.
धमकबेड़ा प्रावि में 33 बच्चे, दो शिक्षक
धमकबेड़ा प्रावि में केजी से कक्षा पांच तक 33 बच्चे हैं और दो सरकारी शिक्षक विजय कुमार पांडेय और विप्लव मांझी सेवारत हैं. एचएम ने कहा कि शिक्षा विभाग का आदेश अाया है कि 30 अप्रैल तक स्कूल चलेगा. इसके बाद मई से विलय किए गये राजाबासा प्रावि में शिप्ट हो जायेगा. 30 अप्रैल तक स्कूल के सामानों की सूची, बैंक एकाउंट आदि राजाबासा प्रावि में समायोजित कर देना है.
फरियाद कर थक गये : ग्रामीण
एसएमसी के अध्यक्ष भानु कर्मकार, रजनीकांत महतो, दुलाल चंद्र हांसदा ने बताया कि धमकबेड़ा गांव से राजाबासा की दूरी दो किमी है. इस स्कूल को विलय से मुक्त करने की मांग बीइइओ, बीडीओ, डीसी, डीएसइ से की गयी. लेकिन किसी ने कोई पहल नहीं की. 30 अप्रैल के बाद 1904 से स्थापित धमकबेड़ा प्रावि राजाबासा प्रावि में मर्ज हो जायेगा. ग्रामीणों ने बैठक कर तय किया है कि बच्चों को राजाबासा स्कूल नहीं भेजेंगे. धमकबेड़ा स्कूल परिसर में ही समानांतर स्कूल चलायेंगे.
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