राजस्थान के उदयपुर में विधानसभा के सचेतकों का सम्मेलन
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ई-विधानसभा बेहतर योजना, पर्यावरण संरक्षण के साथ समय बचत भी : कुणाल
राजस्थान के उदयपुर में विधानसभा के सचेतकों का सम्मेलन विधान सभा सही तरीके से चले, इसके लिए सत्ता पक्ष व विपक्ष को अपनी भूमिका समझनी होगी चाकुलिया : राजस्थान के उदयपुर में आयोजित सचेतकों के सम्मेलन में बहरागोड़ा के विधायक कुणाल षाड़ंगी ने विधानसभा और विधान परिषद की कार्रवाई को कंप्यूटर कृत करने के विषय […]
विधान सभा सही तरीके से चले, इसके लिए सत्ता पक्ष व विपक्ष को अपनी भूमिका समझनी होगी
चाकुलिया : राजस्थान के उदयपुर में आयोजित सचेतकों के सम्मेलन में बहरागोड़ा के विधायक कुणाल षाड़ंगी ने विधानसभा और विधान परिषद की कार्रवाई को कंप्यूटर कृत करने के विषय पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि ई-विधान सभा बेहतर सोच वाली योजना है. इससे पर्यावरण को साफ रखने व समय की बचत जैसे फायदे होंगे. इसके लिए सदस्यों को उचित प्रशिक्षण की आवश्यकता है. अनेक सदस्य कंप्यूटर व उसकी तकनीक से वाकिफ नहीं हैं.
विधायक ने कहा कि विधान सभा सही तरीके से चले, इसके लिए शासक दल को बहुमत से बड़ा दिल रखना होगा. वहीं विपक्ष को विरोध के लिए सकारात्मक सोच रखनी होगी. सदस्यों को अपने विषयों पर प्रश्नों को सही श्रेणी में रखना होगा. इससे समय की बचत हो सकती है. वाद-विवाद के सत्र को ऊपर ले जाने के लिए सदस्यों के पढ़ने और सदन की नियमावली को बेहतर तरीके से जानने की जरूरत है.
देश के प्रतिभावान युवाओं को राजनीति की ओर आकर्षित करने के लिए सरकार को आइआइटी और आइआइएम की तर्ज पर आइआइपी (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स) खोलने चाहिए. झारखंड जैसे छोटे राज्य में बजट, मानसून व
शीतकालीन सत्र को मिलाकर साल में न्यूनतम 60 दिनों का विधानसभा सत्र होना चाहिए.
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