गुवानाथ मुर्मू हत्याकांड. नक्सलियों का साथ नहीं देने पर हुई थी हत्या
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आरोपी नक्सली तुलसी व रवि बरी
गुवानाथ मुर्मू हत्याकांड. नक्सलियों का साथ नहीं देने पर हुई थी हत्या घाटशिला : चाकुलिया के पाकुड़ियाशोल में वर्ष 2010 में गुवानाथ मुर्मू की हत्या मामले में घाटशिला के जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश आलोक कुमार दुबे की अदालत ने मंगलवार को आरोपी नक्सली रवि गोराई उर्फ रवि को साक्ष्य के अभाव में बरी कर […]
घाटशिला : चाकुलिया के पाकुड़ियाशोल में वर्ष 2010 में गुवानाथ मुर्मू की हत्या मामले में घाटशिला के जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश आलोक कुमार दुबे की अदालत ने मंगलवार को आरोपी नक्सली रवि गोराई उर्फ रवि को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. इसी मामले में आरोपी महिला नक्सली तुलसी महतो को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया.
मामले में एपीपी संजय कुमार सिन्हा थे.इस संबंध में पाकुड़ियाशोल के बोदय मुर्मू के बयान पर इंद्रजीत कर्मकार, बबलू उर्फ अशोक, सुदीप, अरुण उर्फ प्रकाश, मार्शल, आकाश, बाघराय टुडू समेत 30/35 अज्ञात नक्सलियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी. दर्ज स्वीकारोक्ति बयान में बोदय मुर्मू ने बताया है कि 4 जनवरी 2010 की रात 9 बजे सभी घर में सोये थे. घर के बाहर से आवाज आयी गुवा दा दरवाजा खोलो. इसपर पति ने दरवाजा खोला. दरवाजा खोलते ही 10-12 लोग प्रवेश कर गये.
सभी पुलिस जैसी वर्दी में थे. कुछ लोग घर के बाहर खड़े थे. घर में बल्ब जल रहा था. एक ने कहा गुवा दा एक ग्लास पानी पिलाओ. पति गगरा में रखे पानी का ग्लास लेने के लिए जैसे ही झुके पीछे से पति को इंद्रजीत कर्मकार, बबलू उर्फ अशोक, संदीप चोकदर ने पकड़ लिया और हाथ को मोड़ दिया. पति को उनसे बचाने का प्रयास किया, तो वे लोग धक्का मुक्की करने लगे. सभी कंधा पर रायफल टांगे हुए थे. इंद्रजीत के पास छोटा हथियार पिस्तौल था. कुछ महिला उग्रवादी भी थी. वे लोग पति को ले जा रहे थे.
वह रोने लगी तो सभी ने हल्ला करने से मना किया. धमकी दी कि पति को जान से मार देंगे. वे लोग पति को लेकर चले गये. उक्त लोग पहले भी गांव में बैठक किये थे. बाद में पति ने नक्सलियों का साथ नहीं देने के लिए गांव के लोगों से कहा था. लेवी नहीं देने कारण सभी ने मिल कर पति की गोली मार कर हत्या कर दी.
लूट की योजना बनाने का आरोपी बरी: घाटशिला. वर्ष 2007 में लूट की योजना बनाते गिरफ्तार आरोपी खैरबनी निवासी रंगा माझी को घाटशिला के जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश आलोक कुमार दुबे की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. मामले में एपीपी संजय कुमार सिन्हा थे.
इस संबंध में डुमरिया थाना में थाना प्रभारी मनोज कुमार गुप्ता के बयान पर मनसा माझी, खेला राम सिंह, गजानंद मुर्मू, श्रवण कुमार
मुर्मू उर्फ सावना उर्फ सोबन और खैरबनी के रंगा माझी के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज हुई थी.
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