पलायन करने वालों में कई नाबालिग, सबरों ने कहा दो माह से राशन नहीं मिला, क्या करेंगे
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दारीसाई से चार सबर समेत 10 लोग कर गये पलायन
पलायन करने वालों में कई नाबालिग, सबरों ने कहा दो माह से राशन नहीं मिला, क्या करेंगे गालूडीह : घाटशिला प्रखंड की बड़ाकुर्सी पंचायत अंतर्गत दारीसाई सबर बस्ती से चार सबर युवक समेत दस लोग रविवार की शाम रोजगार के लिए आंध्रप्रदेश पलायन कर गये. मजदूरों को बंगाल का एक दलाल अपने साथ प्रलोभन देकर […]
गालूडीह : घाटशिला प्रखंड की बड़ाकुर्सी पंचायत अंतर्गत दारीसाई सबर बस्ती से चार सबर युवक समेत दस लोग रविवार की शाम रोजगार के लिए आंध्रप्रदेश पलायन कर गये. मजदूरों को बंगाल का एक दलाल अपने साथ प्रलोभन देकर ले गया. दलाल ने सबरों के बिरसा आवास पर अपना मोबाइल नंबर लिख कर कहा जरूरत पड़ने पर फोन करें. एक सबर युवक अपना फोन नंबर दीवार पर लिख कर पत्नी से कह गया इस नंबर पर फोन करना. पलायन करने वालों में दारीसाई बुद्धेश्वर सबर के पुत्र शिव चरण सबर ( 20), लालटू सबर (22), स्व पुसा सबर के पुत्र सुकू सबर (17), स्व गोना सबर के पुत्र विश्वनथ सबर (25), पुतड़ू गांव के कोका सिंह उर्फ सूरज सिंह समेत पायरागुड़ी गांव के कई युवक शामिल हैं.
मजदूरों के ले जाने वाले दलाल ने सबरों के बिरसा आवास पर मोबाइल नंबर लिख कहा जरूरत पड़ने पर इस पर फोन करें
बंगाल का श्याम नामक दलाल आया था गांव
पलायन करने वाले युवक के पिता बुद्धेश्वर सबर ने कहा कि बंगाल के श्याम नामक दलाल गांव आया था. मजदूरों को अधिक मजदूरी देने की बात कह कर ले गया. दीवार पर श्याम नाम लिखकर फोन नंबर 946341499 गलत लिख दिया है.
दो माह से राशन नहीं मिला क्या करेंगे, क्या खायेंगे, इसलिए पलायन मजबूरी : बुद्धेश्वर सबर ने कहा कि दारीसाई सबर बस्ती में करीब 16 सबर परिवार निवास करते हैं. दो माह सितंबर से जविप्र का चावल नहीं मिला है. क्या करेंगे, क्या खायेंगे. इसलिए पलायन मजबूरी है. आमचुड़िया के डीलर प्रति माह चावल बस्ती में आकर पहुंचता है. सितंबर से चावल नहीं मिल रहा है. जंगल से लकड़ी लाकर बेचते हैं भात नसीब होता है. इसलिए गांव के लिए युवा पलायन करने को विवश हैं.
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