गालूडीह : दारीसाई क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र के मौसम विभाग के ऑर्ब्जबर के पद पर बिरहीगोड़ा के रितेश महतो की नियुक्ति से केंद्र में कार्यरत 37 स्थायी मजदूर पांच अक्तूबर से हड़ताल पर चले गये हैं.
शुक्रवार को हड़ताली मजदूर उग्र हो गये है और सुबह 11 बजे केंद्र के सह निदेशक डॉ जिबरा टोप्पो समेत सभी 10 कृषि वैज्ञानिकों और 12 कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर निकाल दिया. इसके बाद कार्यालय में ताला जड़ चाबी कृषि वैज्ञानिकों को यह कहते हुए सौंप दिया कि जब तक मांगें नहीं मानी जायेगी, तब तक ताला नहीं खुलेगा. ताला जड़ कर गेट सामने विरोध-प्रदर्शन करते हुए मुख्यद्वार पर धरने पर बैठे गये. मजदूरों ने ताला बंदी की सूचना स्थानीय थाना को भी दी.
5 अक्तूबर को मजदूरों ने केंद्र के सह निर्देशक के कार्यालय में हंगामा मचाया था और हड़ताल पर चले गये थे. मौके पर स्थायी मजदूर हैंदल मांझी, सनातन महतो, शष्टीपद भकत, सुकरा कर्मकार, घानीराम महतो, पांडे मांझी, खोड़ू सिंह, दोदो सिंह, शक्ति पद भकत, दुर्योधन सिंह, विश्वजीत महतो, भीम गोराई, श्रवण महतो, उदय सिंह, चैतन सिंह लाठी-डंडा से लैश थे.
हंगामा नहीं, न्याय चाहते हैं : मजदूर: आंदोलित स्थायी मजदूरों ने कहा कि हम लोग हंगामा नहीं न्याय चाहते हैं. लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई, तो बाध्य होकर ताला जड़ना पड़ा. मौसम विभाग के ऑर्ब्जबर के पद पर नियुक्ति के लिए 10वीं पास की योग्यता और अनुभव मांगा गया था. केंद्र के 37 स्थायी मजदूरों में से मापदंड पूरा करने वाले सनातन महतो और रोहनी भकत भी मौखिक परीक्षा में शामिल हुए थे. स्थायी मजदूरों को दस माह से मजदूरी तक नहीं मिली. वहीं हमें बहाली में नजर अंदाज किया गया.
अनुसंधान और बीज उत्पादन का काम ठप: आंदोलित मजदूरों द्वारा ताला बंदी से अनुसंधान केंद्र में रबी फसल पर तमाम अनुसंधान कार्य और बीज उत्पादन ठप हो गया है. कार्यालय का काम भी ठप है. आज कार्यालय में केंद्र के सह निदेशक डॉ जिबरा टोप्पो, कृषि वैज्ञानिक डॉ देवाशीष महतो, प्रदीप प्रसाद, डॉ उदय प्रसाद, डॉ शंभु शरण, डॉ डी रजक, डॉ एनपी यादव, कर्मी जगदीश महतो, बंकिम मुंडा, शिशिर सिंह, अनिल सिंह उपस्थित थे. मजदूरों ने सभी को बाहर निकाल कर गेट और कार्यालय में ताला जड़ दिया. कृषि वैज्ञानिक केंद्र के गेस्ट हाउस में बैठ रहे.