चाकुलिया : चाकुलिया प्रखंड में सामाजिक वानिकी घाटशिला वन क्षेत्र के तहत पौधा रोपण मजाक बन गया है. पौधा रोपण के नाम पर पौधों की हत्या की जा रही है. नियमों के तहत पौधा रोपण नहीं हो रहा है. माचाडीहा नर्सरी में विभिन्न प्रजाति के हजारों पौधे सूख रहे हैं. वहीं क्षेत्र के जंगलों में […]
चाकुलिया : चाकुलिया प्रखंड में सामाजिक वानिकी घाटशिला वन क्षेत्र के तहत पौधा रोपण मजाक बन गया है. पौधा रोपण के नाम पर पौधों की हत्या की जा रही है. नियमों के तहत पौधा रोपण नहीं हो रहा है. माचाडीहा नर्सरी में विभिन्न प्रजाति के हजारों पौधे सूख रहे हैं. वहीं क्षेत्र के जंगलों में दर्जनों स्थानों पर वृक्ष के नीचे रखे पौधे सूख रहे हैं. पौधा रोपण करनेवाले मजदूरों की मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है. इसके कारण मजदूरों ने काम करना बंद कर दिया है. जानकारी के मुताबिक इस विभाग के तहत दो लाख पौधे लगाने के लिए माचाडीहा में रवि गोप की जमीन पर नर्सरी बनायी गयी थी. स्थिति यह है कि नर्सरी में देखरेख के अभाव में हजारों पौधे सूख रहे हैं. पौधा रोपण की स्थिति यह है कि माचाडीहा, सानघाटी समेत अन्य गांवों से सटे जंगलों में पौधा रोपण नहीं किया गया.
दर्जनों जगहों पर वृक्ष के नीचे रखे पौधे सूख रहे हैं.
मजदूरी का भुगतान नहीं : सानघाटी की मिनकी हेंब्रम, बासंती हांसदा, सोमवारी सोरेन, रूपाली बास्के, देवी बास्के, बासंती हांसदा समेत अन्य मजदूरों के मुताबिक पूर्व में उन्हें नगद भुगतान किया जाता था. अब कहा जा रहा है कि उनके बैंक खातों में मजदूरी की राशि भेजी जायेगी. एक सप्ताह की मजदूरी का भुगतान नहीं होने से मजदूर बैंक का चक्कर लगा रहे हैं. इसलिए अब काम करना बंद कर दिया है. मजदूरों के मुताबिक आसपास के गांवों के मजदूरों को भी मजदूरी नहीं मिली है. विभाग द्वारा नियमों के तहत किसी भी स्थल पर सूचना बोर्ड नहीं लगाया गया है. इसके कारण किसी को भी पौधा रोपण की जानकारी नहीं मिल रही है. नर्सरी में भी कोई सूचना बोर्ड नहीं है. इस मसले पर रेंजर शशि रंजन शर्मा का कहना है कि रोपण के लिए पौधों को रखा गया है. मजदूरी की राशि मजदूरों के खाता में भेजी जायेगी.