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कोरोना से सावन का रंग फीका, फौजदारीनाथ के पंचशूल को प्रणाम कर लौट गये हजारों श्रद्धालु

Sawan 2021, दुमका न्यूज : सावन का महीना रविवार से शुरू हो गया है. पहले दिन ऑनलाइन दर्शन पूजन कर भक्तों को संतोष करना पड़ा. गेट के बाहर से ही फौजदारीनाथ के पंचशूल का दर्शन कर सैकड़ों भक्त वापस लौट गये. आपको बता दें कि बिहार समेत कई राज्यों के भक्त मंदिर के निकास गेट तक पहुंच गये थे.

Sawan 2021, दुमका न्यूज : सावन का महीना रविवार से शुरू हो गया है. पहले दिन ऑनलाइन दर्शन पूजन कर भक्तों को संतोष करना पड़ा. गेट के बाहर से ही फौजदारीनाथ के पंचशूल का दर्शन कर सैकड़ों भक्त वापस लौट गये. आपको बता दें कि बिहार समेत कई राज्यों के भक्त मंदिर के निकास गेट तक पहुंच गये थे.

सावन के पहले दिन बिहार व अन्य राज्य से हजारों भक्त मंदिर के निकास गेट तक पहुंच गये थे. वहां तैनात दंडाधिकारी व जवानों ने राज्य सरकार की गाइडलाइन व दर्शन की नयी व्यवस्था की जानकारी देकर वापस भेज दिया. गेट के बाहर से ही फौजदारीनाथ के पंचशूल का दर्शन कर सैकड़ों भक्त वापस लौट गये.

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कोरोना संकट के कारण मंदिर को चारों और से बैरियर लगा कर बंद दिया गया है. अहले सुबह मंदिर का पट खुलने के बाद मंदिर पुजारी ने गर्भगृह में भगवान भोलेनाथ की सरकारी पूजा की. मंदिर प्रभारी सह अंचलाधिकारी राजकुमार प्रसाद ने बताया कि पुरोहित पूजा पूरे सावन माह प्रतिदिन निर्धारित समय पर होगी. परंपरागत तरीके से फौजदारीनाथ की पूजा-अर्चना की गयी. पुजारी डब्लू झा व सदाशिव पंडा ने फुलेल, ईत्र, घाम चंदन, दूध, दही, घी, शक्कर, फल-फूल, मधु, धोती, साड़ी, जनेऊ बाबा को अर्पित किया.

राज्य सरकार के आदेश से बासुकिनाथ में श्रावणी मेला का आयोजन नहीं हुआ. पूरे सावन शिवभक्तों को बाबा का ऑनलाइन ही दर्शन करना होगा. जिला प्रशासन द्वारा फेसबुक, यू-ट्यूब तथा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन कराने की व्यवस्था कि गयी है. कोई भी व्यक्ति फेसबुक पर बाबा बासुकिनाथ-न्यास-पर्षद के माध्यम से फेसबुक पर बाबा बासुकीनाथ की लाइव तस्वीर व वीडीओ पूरे माह देख सकता है.

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ऐसे में श्रद्धालुओं की आस्था और सुविधा के लिए श्रद्धालु jhargov.tv व dumka administration के फेसबुक पेज के माध्यम से बाबा बासुकिनाथ का ऑनलाइन दर्शन कर सकेंगे. 4:30 पूर्वाह्न से 6:30 पूर्वाह्न प्रातः कालीन सरकारी पूजा, 12:30 अपराह्न से 2:00 बजे अपराह्न विश्राम पूजा व 6:30 बजे अपराह्न से 8:00 बजे अपराह्न तक रात्रि शृंगार पूजा देख सकेंगे.

मंदिर के निकास गेट तक सुरक्षा बल के जवानों की चौकसी बढ़ गयी है. कभी सावन के प्रथम दिन हजारों की संख्या में कांवरियों की भीड़ रहती थी. कोरोना काल में केवल सुरक्षा बल तैनात हैं. जिला प्रशासन ने चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्ति कर दी है. मंदिर प्रभारी सह अंचलाधिकारी राजकुमार प्रसाद, जरमुंडी पुलिस निरीक्षक नवल किशोर सिंह से मंदिर में सुरक्षा से जुड़े विभिन्न जानकारी प्राप्त की.

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ड्यूटी पर लगे अधिकारियों और पुलिस बल के जवानों को आवश्यक निर्देश दिया. चेकपोस्ट पर प्रतिनियुक्त पुलिस बल की जानकारी प्राप्त की. बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को मेला आयोजन स्थगित होने और मंदिर बंद होने की जानकारी देने को कहा. साथ ही उन्हें उनके गंतव्य स्थान की ओर रवाना करने को कहा. बासुकिनाथ में पूरी टीम को अलर्ट रहने को भी कहा.

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कोरोना काल में दूसरे साल भी बासुकिनाथ में सावन की रंगत फीकी हो गयी है. कोरोना संकट ने भक्त व भगवान की दूरी बढ़ा दी है. गर्भगृह तक जाने की अनुमति किसी श्रद्धालु को नहीं है. इस बार जलार्पण काउंटर की भी व्यवस्था नहीं है. पहले बासुकिनाथ नंदी चौक व मेला क्षेत्र में जगह-जगह कांवरियों का कैंप लगता था. अभी पूरा मेला क्षेत्र वीरान पड़ा है.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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