आस्था. चार से आठ मई तक श्रृंगार पूजा बंद, अनुष्ठान की तैयारी में जुटा प्रबंधन
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बासुकिनाथ मंदिर में खंडित के स्थान पर नयी मूर्ति होगी स्थापित
आस्था. चार से आठ मई तक श्रृंगार पूजा बंद, अनुष्ठान की तैयारी में जुटा प्रबंधन बासुकिनाथ : मंदिर परिसर में स्थित विभिन्न देवी देवताओं की खंडित मूर्ति बदली जायेगी. इसके लिये मंदिर न्यास समिति के सहयोग से पंडा धर्मरक्षिणी सभा द्वारा मंदिर प्रांगण में भव्य आयोजन किया जायेगा. इन मूर्तियों की होगी प्राण प्रतिष्ठा मंदिर […]
बासुकिनाथ : मंदिर परिसर में स्थित विभिन्न देवी देवताओं की खंडित मूर्ति बदली जायेगी. इसके लिये मंदिर न्यास समिति के सहयोग से पंडा धर्मरक्षिणी सभा द्वारा मंदिर प्रांगण में भव्य आयोजन किया जायेगा.
इन मूर्तियों की होगी प्राण प्रतिष्ठा
मंदिर प्रबंधन के अनुसार बनारस से माता काली, भगवान शंकर, माता अन्नपूर्णा भगवान शंकर सहित, माता लक्ष्मी, भगवान विष्णु, कार्तिकेय, कीर्तिमुख, तीन बसाहा एवं माता तारा की संगमरमर की आकर्षक मूर्ति लायी गयी है.
वैदिक रीति से स्थापित होगी प्रतिमा
धार्मिक अनुष्ठान को लेकर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि वैदिक रीति रिवाज से विभिन्न देवी देवताओं की नयी मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा 8 मई सोमवार को विधि विधानपूर्वक किया जायेगा. मंदिर न्यास समिति सचिव सह एसडीओ जयप्रकाश झा एवं समिति के सदस्य एवं पूर्व सांसद अभयकांत प्रसाद इस भव्य आयोजन की तैयारी पर नजर रखे हुए हैं.
चार से आठ मई तक नहीं होगी श्रृंगार पूजा
पंडित दिवाकर झा एवं मनोज पंडा ने बताया कि मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मंदिर प्रांगण में श्रृंगार पूजा नहीं होगी. उन्होंने बताया कि अागामी 4 मई से 8 मई तक माता काली, माता पार्वती एवं अन्य देवी देवताओं की श्रृंगार पूजा मंदिर प्रांगण में बंद रहेगी. इस दरम्यान मंदिर प्रांगण में अखंड संकीर्तन भी नहीं होगा.
231 कलश की निकलेगी भव्य शोभा यात्रा
संपूर्ण मंदिर को फूलों से एवं आकर्षक विद्युत सज्जा की जायेगी. पंडित दिवाकर झा के नेतृत्व में 21 पंडितों द्वारा विभिन्न देवी देवताओं की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करायी जायेगी. पंडा सभा के अध्यक्ष मनोज पंडा ने बताया कि 4 एवं 5 मई को भगवान की उत्थीष्ठ पूजा होगी. 6 मई शनिवार को विभिन्न देवी देवताओं की नयी मूर्ति का नगर भ्रमण कर अधिवास पूजा की जायेगी. नगर भ्रमण को लेकर व्यापक तैयारी की जा रही है. जिन रास्तों से होकर यह गुजरेगी उस मार्ग पर फूलों का वर्षा करायी जायेगी. महिलाओं द्वारा 231 कलश का भव्य शोभा यात्रा
निकलेगी. सात मई रविवार को महा स्नान होगा. पंडितों के मंत्र ध्वनि के बीच गणेश अंबिका पूजन, मंडप पूजन, जलाधिवास, अन्नाधिवास, पुष्पाधिवास, गन्नाधिवास पूजा वैदिक रीति से संपन्न होगी.
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