बूथ संख्या 100 और 101 का चुनाव हुआ था रद्द
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2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान असना ग्राम में सभा की थी
बूथ संख्या 100 और 101 का चुनाव हुआ था रद्द दुमका कोर्ट : अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी निशांत कुमार के न्यायालय ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में तीन राजनैतिक दल के कुल दस नेताओं-कार्यकर्ताओं को संदेह का लाभ देते हुए बाइज्जत बरी कर दिया. इनमें झाविमो सुप्रीमो सह […]
दुमका कोर्ट : अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी निशांत कुमार के न्यायालय ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में तीन राजनैतिक दल के कुल दस नेताओं-कार्यकर्ताओं को संदेह का लाभ देते हुए बाइज्जत बरी कर दिया. इनमें झाविमो सुप्रीमो सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, प्रो स्टीफन मरांडी, परितोष सोरेन, राजेश मुर्मू, भाजपा के पूर्व विधायक सुनील सोरेन, अमरेंद्र कुमार सिंह, ब्रेंचुस हेंब्रम, प्रिय रंजन गुप्ता, रवि मंडल एवं झामुमो के नलीन सोरेन शामिल हैं. ये सभी आचार संहिता उल्लंघन के इस मामले में बाइज्जत बरी हुए.
वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान शिकारीपाडा थाना अंतर्गत असना के समीप 24 अप्रैल 2014 को चुनाव संपन्न करा कर लौटते समय नक्सलियों ने पोलिंग पार्टी से भरी बस को उड़ा दिया था. इस घटना में इवीएम भी क्षतिग्रस्त हो गयी थी. इसके बाद बूथ नंबर 100 और 101 का चुनाव रद्द हो गया था.
उसके बाद पुर्नमतदान से पहले 27 अप्रैल को राजनैतिक दल के इन नेताओं व कार्यकर्ता द्वारा असना गांव में सभा की गयी थी, जिसकी शिकायत अखबार में छपी खबर के आधार पर दर्ज करते हुए तीन राजनैतिक दल के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं सहित कुल 10 लोगों को आरोपी बनाया गया था. न्यायालय में 6 गवाहों का परीक्षण हुआ.
सूचक और अनुसंधानकर्ता को छोड़कर सभी गवाह होस्टाइल हो गये थे.
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