सिमटता जा रहा बड़ानदी जलाशय का सिंचित इलाका प्रतिनिधि, रानीश्वरप्रथम पंचवर्षीय योजना के तहत रानीश्वर प्रखंड के बोड़ाबथान व रांगालिया गांव के पास दोनों पहाड़ के बीच झरना को बांध कर बड़ानदी जलाशय का निर्माण कराया गया है़ साथ ही जलाशय से एक नहर भी निकाली गई है. जलाशय निर्माण के बाद जलाशय से 14500 हेक्टेयर जमीन को सिंचाई उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया गया था. वर्त्तमान में करीब 500 हेक्टेयर जमीन तक ही सिंचाई उपलब्ध हो रहा है. बड़ानदी जलाशय से पश्चिम बंगाल सीमा के जयताड़ा गांव तक नहर का निर्माण कर किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जाती थी. नहर के रख-रखाव के अभाव में वर्त्तमान में जलाशय के आसपास के इलाके के किसानों को ही सिंचाई सुविधा मिल पा रही है. जलाशय से रांगालिया, जीवनपुरमोड़ दक्षिणजोल गांव के किसानों को ही नहर से पानी मिल रहा है. नहर निर्माण के समय इन गांवों के किसानों के अलावा अलीगंज, राखालपाहाड़ी चोपाबाथान, टांगदहा, नयापाड़ा, पलसा, जयताड़ा आदि गांवों के किसानों को पटवन सुविधा मिल पाती थी. पटवन की सुविधा नहीं मिलने से इन गांवों के किसानों को भगवान भरोसे खेती करना पड़ता है. प्रतिवर्ष पटवन के अभाव में फसल बर्बाद हो जाती है. बड़ानदी जलाशय के निर्माण के बाद जलाशय के पास रात्रि प्रहरी के रहने के लिए आवास का निर्माण कर रात्रि प्रहरी की तैनाती की गई थी. लेकिन दो दशक से भी अधिक समय से रात्रि प्रहरी नहीं है तथा आवास भी जजर्र हो चुकी है. इस जलाशय के मुख्य नहर से निकाले गये ग्रामीण नहरों जीवनपुरमोड़ तक की मरम्मती स्वयं किसानों ने अपने स्तर से कर खेतों तक पानी पहुंचाते हैं. जलाशय की स्थिति ठीक रहने से किसानों को खरीफ की खेती के अलावे रबी तथा गरमा धान की खेती के लिए भी पटवन में सुविधा होगी. यहां पानी की साधन उपलब्ध रहने के बावजूद इसका लाभ पाने से किसान वंचित हो रहे हैं. कहते हैं किसान‘सरकार विकास के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर रही है. लेकिन किसानों को स्थायी तौर पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बड़ानदी जलाशय की मरम्मती नहीं करा रही है. जिससे किसानों को काफी परेशानी के साथ-साथ आर्थिक क्षति भी हो रही है.सुमन राय, ग्राम प्रधान सह किसान, आढ़ाईपुर ‘अपने क्षेत्र में पानी का साधन रहते हुए भी अपने खेतों में खेती नहीं कर पाते हैं और दूसरे के खेतों में खेती करने के लिए बंगाल पलायन कर रहे हैं. जो बहुत चिंताजनक है, ऐसे में यहां खेती कार्य बहुत तक प्रभावित हो रहा है. इसके लिए पहल करनी होगी.’ डब्ल्यू, रंगालिया‘बड़ानदी जलाशय से किसानों को पटवन सुविधा मिलना बंद हो गई है, जिसके बाद से खेत बंजर हो गई है और किसानों को बरसात पर निर्भर रहना पड़ रहा है. कोई कारगर पहल नहीं की गई, तो आगे किसानों को खेती करने में काफी परेशानी होगी.’राजकुमार राय, चोपाबाथान……………………फोटो 08 रानीश्वर 1 व 2बड़ानदी जलाशय और रात्रि प्रहरी का जजर्र आवास……………………..
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सिमटता जा रहा बड़ानदी जलाशय का सिंचित इलाका प्रतिनिधि, रानीश्वरप्रथम पंचवर्षीय योजना के तहत रानीश्वर प्रखंड के बोड़ाबथान व रांगालिया गांव के पास दोनों पहाड़ के बीच झरना को बांध कर बड़ानदी जलाशय का निर्माण कराया गया है़ साथ ही जलाशय से एक नहर भी निकाली गई है. जलाशय निर्माण के बाद जलाशय से 14500 […]
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