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वालसा मामले के 16 आरोपितों को करें रिहा, नहीं तो होगा आंदोलन
भाकपा माओवादी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी धमकी दुमका : भाकपा माओवादी संगठन के संताल परगना जोनल कमिटी के प्रवक्ता चांद ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर वालसा जॉन हत्याकांड मामले में दोषी करार दिये गये लोगों को निर्दोष किसान बताया है तथा उन्हें बिना शर्त रिहा करने की मांग की है. प्रेस विज्ञप्ति […]
भाकपा माओवादी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी धमकी
दुमका : भाकपा माओवादी संगठन के संताल परगना जोनल कमिटी के प्रवक्ता चांद ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर वालसा जॉन हत्याकांड मामले में दोषी करार दिये गये लोगों को निर्दोष किसान बताया है तथा उन्हें बिना शर्त रिहा करने की मांग की है.
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि ऐसा नहीं हुआ तो हत्या के झूठे आरोप को सच साबित करने वालों के खिलाफ किसान उग्र आंदोलन करने को बाध्य हो जायेंगे. इसमें कहा गया है कि सरकार और कंपनी सोचती है कि किसानों को सजा देने से कोयला कंपनी के खिलाफ किसानों की आवाज सदा के लिए बंद हो जायेगी, लेकिन इतिहास गवाह है कि किसान न कभी चुपचाप बैठे हैं और न बैठने वाले हैं.
वालसा जॉन ने किसानों कोलुभाया : माओवादी प्रवक्ता चांद ने कहा है कि वालसा जॉन ने अपनी बातों से किसानों को लुभाया था.
पहले उन्होंने दो गांव के कुछ लड़के-लड़कियों को साथ किया था. फिर जल, जंगल व जमीन की रक्षा का मुद्दा बनाया और 2002 में किसानों को समझाया था कि कोयला कंपनी को जमीन नहीं देना है. 2003 में कंपनी के बातों को सुनने के लिए प्रेरित किया. 2004 में पक्की रोड बनने दिया. 2005 में बोला गया कि उचित मूल्य मिले, तो जमीन देना है.
चांद के मुताबिक, वालसा की लोभ-लालच वाली बातों ने ही किसानों को लुभाया. चांद ने कहा है कि वालसा मामले में की गयी कार्रवाई में 14 गांवों के लगभग 600 लोग शामिल थे, जिन्होंने कंपनी के एजेंट को दंड दिया था. विज्ञप्ति में उन्होंने कहा है कि सजा प्राप्त 16 किसान इस कार्रवाई में बिल्कुल शामिल नहीं थे. इसके बावजूद भी इन्हें रिहा नहीं किया गया, तो यह सजा किसानों के आंदोलन की आग में घी का काम करेगा.
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