दुमका : संबद्ध डिग्री महाविद्यालय महासंघ के सिदो कान्हू मुमरू विश्वविद्यालय इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ मुकुल कुमार सिंह ने स्थायी संबद्धता प्राप्त डिग्री महाविद्यालय के कर्मियों की दुर्दशा एवं उसके निदान को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, झारखंड के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है
तथा राज्य के ऐसे 55 कॉलेजों को अंगीभूत करने की गुहार लगायी है. डॉ सिंह ने कहा कि आश्वासन के घूंट पीते-पीते कई शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी काल के गाल में समा गये और उनके बच्चे आज दो जून की रोटी के मोहताज है.
डॉ सिंह ने कहा कि पूरे भारत में झारखंड और बिहार ही ऐसा राज्य है, जहां उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले स्नातकोत्तर पास एवं पीएचडी धारक अनुभवी शिक्षकों की ऐसी दुर्गति है कि उन्हें मनरेगा मजदूर, होमगार्ड जवान और आंगनबाड़ी की सेविका से भी बदत्तर मेहनताना पर कार्य करना पड़ता है.
डॉ सिंह ने कहा कि एक ओर सरकार मॉडल कॉलेज खोलने का इरादा रखती है, लेकिन जो कॉलेज पठन-पाठन करा रहे हैं, उन्हें अंगीभूत करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है, जबकि ऐसे 2 एफ एवं 12 बी के तहत पंजीकृत भी हैं. इन्हें अंगीभूत करने के लिए सिनेट और सिंडिकेट भी अपनी अनुशंसा राज्य सरकार से कर चुकी है. डॉ सिंह ने कहा कि अभी ऐसे डिग्री कॉलेज 60 प्रतिशत छात्र-छात्रओं को पठन-पाठन उपलब्ध करा रहे हैं, बावजूद इस ओर यथोचित पहल नहीं किया जाना दुभाग्र्यपूर्ण है. उन्होंने राज्य में समान काम के लिए समान वेतन की नीति लागू करने की भी मांग की है.