दुमका. झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक महासंघ ने रामगढ़ बीइइओ प्रकरण पर अपना बयान जारी करते हुए जिला शिक्षा अधीक्षक से तत्काल मामले पर हस्तक्षेप कर हल निकालने की मांग की है. अवर शिक्षा सेवा संघ के पदाधिकारियों के बयानों पर पलटवार करते हुए महासंघ के जिलाध्यक्ष ब्रजमोहन यादव ने कहा कि मामले की जांच एवं निबटारे के लिए कमेटी का गठन दस दिन पहले ही किया गया था, लेकिन कमेटी द्वारा कोई पहल नहीं की गई. जिससे पारा शिक्षकों में आक्रोश है और आंदोलन जारी है.
श्री यादव ने कहा कि यदि छह मार्च तक मामले का हल नहीं निकाला जाता है, तो यह आंदोलन राज्यव्यापी स्वरूप धारण करेगा एवं प्रथम चरण में रामगढ़ प्रखंड के सभी विद्यालयों के सचिव इस्तीफा देंगे. जिला सचिव अनिल कुमार ने कहा कि पारा शिक्षकों के विरोध प्रदर्शन का तरीका पूर्ण रूप से लोकतांत्रिक है. चेतावनी भरे लहजे में कहा कि पारा शिक्षक अपने कर्तव्यों का भली भांति निर्वहन करना जानते हैं और ऐसे में यदि उनके साथ भेदभाव पूर्ण नीति अपनायी जाती है तो वे इसका जवाब आंदोलन से देंगे.
प्रखंड अध्यक्ष हरेकृष्ण सिंह ने कहा कि कुछ लोग इस आंदोलन को अनैतिक बता रहे हैं तो यह कितना नीतिगत फैसला है कि कम मानदेय पर अपना रोजी रोटी चलाने वाले पारा शिक्षक जिनका चार माह का मानदेय बकाया होता है और जिसका परिवार भूखमरी के कगार पर होता है, का मानदेय केवल इस वजह से रोक दी जाती है कि वह संघ के आह्वान पर शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक कार्यक्रम में शरीक होता है.