आंदोलन : दफादार व चौकीदारों का रोषपूर्ण प्रदर्शन, कहा :
दुमका : झारखंड राज्य दफादार-चौकीदार पंचायत की प्रमंडलीय इकाई द्वारा गुरुवार को गांधी मैदान से जुलूस निकाला गया जो प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के समक्ष पहुंच कर धरना सभा में तब्दील हो गया. इस दौरान राज्य संयोजक की अगुआई में रोषपूर्ण प्रदर्शन भी किया गया. बाद में आयुक्त कार्यालय को 15 सूत्री ज्ञापन सौंपा गया. संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद राम अवधेश सिंह ने कहा कि चौकीदारी व्यवस्था भारत की सबसे पुरानी प्रशासनिक व्यवस्था है, जो गुप्तकाल से ही चली आ रही है.
भारतीय इतिहास में गुप्तकाल को स्वर्ण युग कहा जाता है, लेकिन आजाद भारत में चौकीदारों-दफादारों को थाना प्रभारियों ने अपना गुलाम, अपना नौकर बना लिया है. श्री सिंह ने कहा कि झारखंड में यदि सुशासन लाना है तो चौकीदार व्यवस्था को मजबूत बनाना होगा. जिसके लिए अबकी बार पंचायत ने 18 मार्च को करो या मरो का आंदोलन करने का संकल्प लिया है. जिसमें पूरे राज्य के सभी चौकीदार, दफादार, दिगवार, घटवार व सरदार भाग लेंगे. धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कृष्ण दयाल सिंह ने कहा कि संप के चौकीदारों-सरदारों का अंचल कार्यालय व थानों में आर्थिक शोषण हो रहा है. पाकुड़ और साहिबगंज जैसे जिलों में तो आठ-आठ माह से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है. इस वजह से मिर्जाचौकी के एक और बोरियो अंचल के दो चौकीदार काल के गाल में इलाज व भोजन के अभाव में समा गये.
धरना-प्रदर्शन में ये सभी थे मौजूद
धरना-प्रदर्शन में शंभु प्रसाद यादव, देवघर जिलाध्यक्ष सिद्धेश्वर मिर्धा, गोड्डा के नेमानी पासवान, पाकुड़ के धीरेन माल, साहिबगंज के दिलीप पासवान, तौहिद आलम, राज कुमार, राजवंशी, कला चंद्र मिर्धा, अशोक कुमार रजक, नारायण जायसवाल, जगन्नाथ पासवान, सावना टुडू, नागेश्वर हाजरा, पंचानन सरकार, माणिक पासवान, गणोश सिंह, सतन सिंह, लक्ष्मण माल मौजूद थे.