दुमका : दुमका जिले के उग्रवाद प्रभावित शिकारीपाड़ा, जामा व दुमका विधानसभा क्षेत्र के अलावा जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र के बूथों में सुरक्षित मतदान कराने के बाद अधिकांश पारा मिलिटरी एवं सशस्त्र पुलिस के जवान वापस अपने-अपने इलाके के लिए प्रस्थान कर गये.
इन अर्ध सैनिक बलों की रवानगी सुबह से ही होती रही. लगातार कई बसों-ट्रकों के एक साथ गुजरने तथा पेट्रोल पंप में डीजल लेने के लिए गाड़ियों की कतार लग जाने से जाम की स्थिति पैदा हो गयी.
मिली जानकारी के मुताबिक दुमका जिले में शांतिपूर्ण, निष्पक्ष मतदान संपन्न कराने के लिए जितने अर्ध सैनिक बलों की मांग की गयी थी, उससे भी कहीं अधिक जवानों को यहां भेज गया था. अब तक इतनी बड़ी तादाद में अर्ध सैनिक बलों तथा सशस्त्र बलों को कभी चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाया गया था. पुलिस सूत्रों की माने तो केवल दुमका जिले के 969 बूथों के लिए 7000 से अधिक जवानों की तैनाती की गयी थी. इसमें सीपीएमएफ की 65 कंपनियां तथा जैप व आइआरबी की 18 कंपनियां शामिल थीं.
चुनाव कार्य में जिन अर्ध सैनिक बलों की सेवा ली गयी थी, उसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स, सीआइएसएफ, भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस, बीएसएफ, एसएसबी, आइआरबी, झारखंड आर्म फोर्स, झारखंड जगुवार शामिल थे. इसके अलावा जिला पुलिस बल के भी सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती बड़ी संख्या में की गयी थी. पिछले तीन चुनावों में लगातार हुए नक्सली वारदातों से सबक लेते हुए यहां इतनी बड़ी तादाद में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था और सतर्कता के साथ-साथ एहतियाती तौर पर कई निर्देश उन सभी अर्ध सैनिक बलों को दिये गये थे.