दुमका : संताल परगना में खरीफ के मौसम में माॅनसून का साथ नहीं मिलने से जहां अच्छी पैदावार को लेकर संशय दिख रहा है, वहीं किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराने में भी पिछले साल की तुलना में कम दिलचस्पी दिखायी है. जबकि केंद्र सरकार ने फसल बीमा के लिए प्रीमियम की राशि ही शून्य कर दी थी. झारखंड स्टेट को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड के दुमका स्थित क्षेत्रीय कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक 3.25 लाख किसानों ने फसल बीमा कराया है.
किसानों का मानना है कि फसल बीमा को लेकर सरकार का संकल्प ही देर से आया और जो फार्म उपलब्ध कराये गये थे, वह भी 12-13 जुलाई के बाद ही उपलब्ध हो पाया था. 31 जुलाई तक फसल बीमा कराने की आखिरी तारीख थी. समय मिलता और प्रीमियम के बोझ से राहत दिलाने की घोषणा थोड़ी पहले की गयी होती, तो और भी किसान सरकार की इस राहत दिलाने वाली कदम का लाभ ले पाते. किसानों के मुताबिक बारिश के समय पर न होने से फसल को जिस तरीके से नुकसान हुआ है, फसल बीमा से शत-प्रतिशत किसानों को आच्छादित करने की जरूरत थी. पिछले साल दुमका जिले ने राज्य भर में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया था. वर्ष 1.42 लाख किसानों को फसल बीमा से जोड़ने का लक्ष्य था.