दुमका : दुमका जिले के काठीकुंड प्रखंड के खिलौड़ी गांव के रवींद्र देहरी को पड़ोसन की सिर कलम कर देने की जघन्य हत्या के मामले में आजीवन कारावास एवं दस हजार जुर्माने की सजा सुनायी है. प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश रिजवान अंसारी के न्यायालय ने सात साल तक चले इस मुकदमे में यह फैसला मंगलवार को सुनाया. फैसले के मुताबिक जुर्माने की यह रकम तीन महीने में उनके आश्रितों को देने का आदेश दिया गया है. जुर्माना नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त सजा रवींद्र को भुगतनी होगी. कांड के सूचक तथा मृतका के भाई देसाई देहरी के मुताबिक उसकी बहन की हत्या 27 फरवरी 2011 को कर दी गयी थी.
घटना के बारे में उसने बताया कि रवींद्र देहरी का उसकी अपनी पत्नी से लड़ाई झगड़ा हो रहा था. वह अपनी पत्नी को जान मारने के लिए लोहे की खुरपी लेकर दौड़ गया. इस दौरान उनकी पत्नी कहीं छिप गयी. उसने अपनी लड़की मंगली की भी जान लेने की कोशिश की. रवींद्र को दौड़ता देख देसाई देहरी की बहन मेघा महारानी ने मंगली को बचाने के लिए रवींद्र को पकड़ना चाहा और समझाने का प्रयास किया, तो रवींद्र देहरी ने अपने हाथ में लिए लोहे की खुरपी से माथे पर वार कर दिया.
जब वह गंभीर रूप से जख्मी हो गयी तो खुरपी से गर्दन पर वार कर सिर को धड़ से अलग कर दिया. इस जघन्य कांड में गांव के लोगों ने रवींद्र देहरी को खदेड़ कर पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया था. मामले में कुल सात गवाह हुए. अभियोजन पक्ष की ओर से डीके ओझा एवं बचाव पक्ष की ओर से निशिकांत प्रसाद ने मुकदमे की पैरवी की.