दुमका कोर्ट : प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश रिजवान अहमद के न्यायालय से अभियुक्त नागो यादव को भादवि की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास व 10000 रुपये जुर्माना तथा दफा 201 के तहत चार साल की सजा व 5000 रुपये का जुर्माने की सजा सुनायी है. जुर्माने की रकम तीन महीने के अंदर सूचक अलका देवी को देना होगा. वरना दो माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. उल्लेखनीय है कि सरैयाहाट कारुडीह की अलका देवी ने अपने बेटे की हत्या का मामला सरैयाहाट थाना में दर्ज कराया था. उसके मुताबिक 20 नवंबर 2007 को रात के आठ बजे गांव के नागो यादव आकर उसके बेटे विनोद को गांव घुमकर आने की बात लेकर साथ लेते गया.
उसके बाद रात में विनोद लौटकर नहीं आया. सबेरे जब वह नागो के घर गयी, तो उसकी पत्नी ने कहा कि नागो भी घर पर नहीं है. नागो को फोन कर पूछा गया, तो बताया कि विनोद जल्द घर लौट जायेगा. पर नागो की बात से विनोद के घरवालों को शक हुआ. विनोद की खोजबीन लोगों ने तेज की तो कुआं के पास लाश मिली. मां अलका ने शक जताया था कि पतोहू से गलत संबंध बनाने के लिए ही नागो ने विनोद की हत्या की. इसमें कुल बारह गवाहों की गवाही हुई, जिसके आधार पर न्यायालय ने अभियुक्त को दोषी करार दिया.