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विपक्ष का वोट बंटे नहीं, करेंगे हरसंभव कोशिश

आह्वान. नगर निकाय चुनाव में गठबंधन है जरूरी, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने प्रेस वार्ता में कहा दुमका : पूर्व मुख्यमंत्री सह झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को दुमका परिसदन में मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य में निकाय के चुनाव सभी पदों के लिए दलीय आधार पर ही होनी चाहिए. […]

आह्वान. नगर निकाय चुनाव में गठबंधन है जरूरी, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने प्रेस वार्ता में कहा

दुमका : पूर्व मुख्यमंत्री सह झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को दुमका परिसदन में मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य में निकाय के चुनाव सभी पदों के लिए दलीय आधार पर ही होनी चाहिए. उन्होंने कहा देश में झारखंड सहित दो-तीन ही राज्य ऐसे हैं, जहां दलीय आधार पर अब तक चुनाव नहीं हुआ था. उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी जिला परिषद‍ से लेकर स्थानीय निकाय व पंचायत स्तर तक चुनाव तक दलीय आधार पर कराने के पक्षधर रहे हैं. श्री मरांडी ने कहा कि अभी रघुवर सरकार ने जो निर्णय लिया है, वह आधा अधूरा है. सिर्फ नगर निकाय के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का चुनाव ही राज्य सरकार दलीय आधार पर कराने जा रही है.
वार्ड पार्षद का चुनाव भी दलीय आधार पर होना चाहिए. श्री मरांडी ने कहा कि देश और राज्य में अभी फासिस्ट सरकार है, उसे पराजित करना जरूरी है. इसके लिए जो जरूरी कदम उठाने की जरुरत महसूस होगी. वह वे करते रहेंगे. श्री मरांडी ने निकाय चुनाव में उम्मीदवार देने के सवाल पर कहा कि उनकी पार्टी निकाय चुनाव में अपना उम्मीदवार देगी. भाजपा को रोकने के लिए गठबंधन के सवाल पर कहा कि हमने कभी गठबंधन से परहेज नहीं किया है. विपक्ष का वोट बंटे नहीं, इसकी कोशिश होनी चाहिए. मौके पर केंद्रीय समिति के विनोद शर्मा, पिंटू अग्रवाल, जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह एवं मो कबीर आदि मौजूद थे.
अंबानी के कारण बरी हो गये 2 जी के आरोपित : हाल के दिनों में जिस तरह के फैसले आये हैं. वे उसपर टिप्पणी नहीं करना चाहते, लेकिन सोशल मीडिया पर जिस तरीके से बातें आ रही है. वह पूरी व्यवस्था को ही कठघरे में खड़ा कर रही है. देश के अंदर कई बडे-बड़े घोटाले हुए. यूपीए की सरकार में 1 लाख 76 हजार करोड़ के घोटाले की बात आयी थी. इसकी वजह से उनकी सरकार चली गयी. उसमें 2 जी घोटाला भी शामिल था. अब कहा गया कि कोई घोटाला ही नहीं हुआ. इसलिए उसमें लोग बरी हो गये. क्योंकि उसमें अंबानी बंधु भी फंसे थे. आज जिनकी सरकार है, अंबानी उनके करीबी है. आज भी हजारों करोड़ रुपये लेकर कई फरार है. विजय माल्या लंदन में हैं. मौज कर रहे हैं. सरकार इन सवालों को जवाब देना चाहिए. जो दोषी हो, उसे सजा मिलनी चाहिए.
जनता के पैसे लुटवा रही रघुवर सरकार
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि कहा कि झारखंड में भी कई गड़बडी हुई है. मनमाने तरीके से सरकार काम कर रही है. कोई जांच नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि आज ही हमने अखबार में देखा कि प्रेस विज्ञप्ति बनाने के लिए सरकार ने तीन करोड़ रुपये दे दिये. यह लूट नहीं है तो क्या है. पिछले साल कैबिनेट से निर्णय लेकर एक एजेंसी को काम दिया. सरकारों के कामकाज के प्रचार-प्रसार के लिए ठेका दिया. सरकार ऐसे पैसे लुटवा रही है, जैसे अपना पैसा हो. उसे समझ में नहीं आ रहा कि यह अपना पैसा नहीं, जनता का पैसा है. जनता अपना पैसा भी खर्च करती है तो आयकर जैसे विभाग उनसे पूछती है कि उन्होंने कहां से पैसा लाया.
यहां तो सरकार ही खर्च कर रही है. माइंस के लिए भी सरकार ने तीन-चार कमेटियां बनायी थी सचिव स्तर की. उन समितियों ने लिखकर दिया था कि लीज नहीं दी जा सकती है. गजट भी प्रकाशित किया गया था. इस लीज को सरकार ने रद्द कर दिया था. बाद में सचिवों के विरोध के बाद मांइस को मांइस ऑनर को दे दिया. आज खुदाई चल रही है. सरयू राय जैसे मंत्री ने उसमें हस्ताक्षर नहीं किया है. श्री मरांडी ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को लिखकर दिया है कि सीबीआई जैसी एजेंसी से जांच करायी जाये. लीज रद्द होना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र से लेकर राज्य में भाजपा की सरकार है, इसलिए जांच नहीं हो रही है. श्री मरांडी ने कहा कि 89 लाख के घोटाले में लालू प्रसाद जेल जा रहे हैं, जबकि पूरे राज्य को लूटनेवाले कुर्सी में बैठकर मौज कर रहे हैं. सरकार को सबकुछ साफ करना चाहिए.
भाजपा को रोकने के लिए दलीय आधार पर चुनाव कराना जरूरी
प्रेस विज्ञप्ति बनाने के लिए तीन करोड़ के खर्च कसा तंज
टू-जी के फैसले पर भी दी प्रतिक्रिया
धर्मांतरण बिल : नागरिक की स्वतंत्रता के खिलाफ
श्री मरांडी ने धर्मांतरण से संबंधित बिल पर कहा कि यह नागरिक की स्वतंत्रता को समाप्त करनेवाला है. संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 तक धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार दिये गये हैं. कोई भी शख्स किसी भी धर्म को मान सकता है, प्रचार कर सकता है, उसके लिए कोई अड़चन नहीं है. लोभ लालच से कोई धर्म परिवर्तन नहीं करा सकता. भादवि की धारा 294 में इसके लिए पहले से प्रावधान है. तीन साल की सजा हो सकती है. श्री मरांडी ने कहा कि भाजपा ने जिस वक्त इस बिल को लाया था,
वह वोट के लिए था, ताकि समाज को लड़ा कर वह वोट की राजनीति करें. श्री मरांडी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति कोर्ट जायेगा, तो यह निरस्त हो सकता है. हिमाचल प्रदेश में भी ऐसा हुआ था. किसी से पूछ कर कोई धर्म माने-पूजा करे, यह नागरिक के धार्मिक स्वतंत्रता के विपरीत है.

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