दुमका : दुमका के प्रधान डाकघर में दूसरे के बचत खाते से एक बार राशि की निकासी कर लेने में सफल रहे एक शख्स को दोबारा निकासी करना पड़ा महंगा. शक होने पर लोगों ने धर दबोचा और उसे पुलिस के हवाले कर दिया. यह शख्स पहले 25 हजार रुपये की निकासी करने में सफल रहा था. दूसरी बार वह एक लाख रुपये की निकासी का फाॅर्म भरकर लाइन में खड़ा था, तब तक वह पकड़ा गया. पकड़े गये शख्स ने अपना नाम मोहन मंडल और बेदिया का रहने वाला बताया है.
श्रीअमड़ा के रहनेवाले मनोज प्रसाद साह शनिवार 11 नवंबर को यूनियन बैंक दुमका पहुंचे थे. उनकी बाइक में ही थैला लटका हुआ था, जिसमें डाकघर व यूको बैंक के पासबुक व पैन कार्ड जैसे दस्तावेज थे. उसे चुरा लिया गया था. मनोज ने मामले में सनहा दर्ज कराया था. शनिवार-रविवार रहने की वजह से वह चोरी गये बैंक खातों को लेकर कोई सूचना बैंक में नहीं दे सका था. तब तक सोमवार को थैले में मौजूद पैनकार्ड में मनोज का हस्ताक्षर देखकर मोहन ने तो पहली बार में ही एक लाख रुपये निकालने का प्रयास किया था,
लेकिन डाककर्मी को शक हुआ. पूछताछ की तो उसने बताया कि मनोज रिश्तेदार है और तबीयत ठीक न रहने की वजह से उसे पैसा निकालने के लिए भेजा है. ऐसे में इतनी बड़ी रकम उसे नहीं दी गयी. सोमवार को उसने दोबारा प्रयास किया. इस बार उसने मनोज का हस्ताक्षर बनाकर 25 हजार रुपये निकासी कर पाने में सफलता हासिल कर ली. उसका मनोबल बढ़ा, तो फर्जी हस्ताक्षर कर यूको बैंक से साढ़े चार हजार रुपये की निकासी कर ली. उसे निकासी के जब मैसेज मिले तो वह अलर्ट हुआ. उसने बैंकों में सूचना दी और डाकघर में अपने परिचित के कर्मियों को भी इसकी सूचना दे दी. बुधवार को युवक फिर डाकघर से एक लाख रुपये निकालने गया, तो कर्मियों ने उसे पहचान कर पकड़ लिया और नगर थाने को सुपुर्द कर दिया. पूछताछ में जानकारी मिली है कि मोहन ने मनोज की पत्नी के नाम से भी मंगलवार को चेक भरा था और 30 हजार की रकम डालकर जामा में निकासी का प्रयास किया था, पर चेक क्लियर नहीं हो पाया था.