दुमका : राज्य में बढ़ रही सांप्रदायिकता तथा जल-जंगल व जमीन की लूट के खिलाफ ‘लोकतंत्र और जल-जंगल व जमीन को बचाने की चुनौतियां’ विषयक एक महाजुटान सोमवार 10 जुलाई को जोहार सभागार में होगा. इस महाजुटान में स्थानीय लोगों के अलावा आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता, सोशल एक्टिविस्ट और बुद्धिजीवी भाग लेंगे. महाजुटान के कार्यक्रम के आयोजन के बाबत वीरेंद्र कुमार ने बताया कि यह आयोजन झारखंड मुक्ति वाहिनी, आंबेडकर स्टूडेंट यूनियन, इंसाफ इंडिया, आंबेडकर विचार मंच के संयुक्त पहल पर आयोजित है. इस कार्यक्रम का आयोजन दो सत्र में सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक होगा.
पहले सत्र की अध्यक्षता प्रो सुरुन सोरेन करेंगे. इस सत्र में छत्तीसगढ़ से आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता सोनी सोरी, झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति आखड़ा की वंदना टेटे, मुन्नी हांसदा, मुस्तकीम सिद्दकी, न्याय मंच बिहार के रिंकू यादव, जेएनयू छात्र संघ के मोहित पांडेय, मदन मोहन, कपूर बागी, बबीता आनंद, अनूप बाली, प्रशांत निहाल, रंजीत कुमार, मोतीलाल राणा आदि वक्ता के रूप में मौजूद रहेंगे. इस सत्र का संचालन अखिलेश कुंवर द्वारा किया जायेगा. वहीं दूसरे सत्र की अध्यक्षता अधिवक्ता रामचंद्र मांझी व संचालन दीपक रंजीत करेंगे. इस सत्र में वक्ता के तौर पर गांधीवादी विचारक व मानवाधिकार कार्यकर्ता हिमांशु कुमार, आदिवासी-मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच की दयामनी बारला, केंद्रीय जन संघर्ष समति के जेरोम जेराल्ड कुजूर, विस्थापन विरोध जन विकास आंदोलन के दामोदर तुरी, रिहाई मंच उत्तर प्रदेश के राजीव यादव, पीडीएससी की गरिमा, सुनील मिंज, कुमार चंद्र मार्डी, नौशाद जुबेर मलिक, मुकेश कुमार, प्रदीप नरवाल, सादत हुसैन, गौतम कुमार प्रितम एवं थियोडर मरांडी आदि मौजूद रहेंगे.