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वास्तविकता के अनुरूप रिपोर्ट नहीं

अवलोकन. झारखंड विस समिति आज दोबारा करेगी योजनाओं की समीक्षा, विधायक ने कहा दुमका : झारखंड विधानसभा की अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा एवं कमजोर वर्ग कल्याण समिति के अध्यक्ष विधायक ताला मरांडी ने शनिवार को दुमका परिसदन में जिले के प्रमुख अधिकारियों के साथ बैठक की. जिसमें विभागों से रिपोर्ट ली गयी. जिन विभागों […]

अवलोकन. झारखंड विस समिति आज दोबारा करेगी योजनाओं की समीक्षा, विधायक ने कहा

दुमका : झारखंड विधानसभा की अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा एवं कमजोर वर्ग कल्याण समिति के अध्यक्ष विधायक ताला मरांडी ने शनिवार को दुमका परिसदन में जिले के प्रमुख अधिकारियों के साथ बैठक की. जिसमें विभागों से रिपोर्ट ली गयी. जिन विभागों के साथ समीक्षा की गयी, उनमें स्वास्थ्य, कृषि, खनन, विशेष प्रमंडल, कल्याण, आइटीडीए, आरइइओ, भवन निर्माण तथा खाद्य आपूर्ति विभाग आदि शामिल थे. शनिवार को हुई बैठक के बाद किये गये निरीक्षण के आधार पर रविवार की सुबह 8 बजे दोबारा समीक्षा बैठक बुलायी गयी है. रिपोर्ट व धरातल पर मिले तथ्यों का मिलान किया जायेगा,
जिसके आलोक में कार्रवाई की जायेगी. श्री मरांडी ने बैठक के बाद देर शाम पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एक शिकायत यह भी मिली है कि ग्रामीण क्षेत्र में बिजली विभाग के 15-16 घंटे बिजली आपूर्ति के दावे के बजाय 8-10 घंटा ही बिजली मिल रही है. विधायक ने यह भी बताया कि निरीक्षण के दौरान मसानजोर के पास धाजापाड़ा के पास पहाड़िया परिवारों ने उनसे शिकायत की है कि डाकिया योजना के तहत वहां किसी भी आदिम जनजाति परिवार के घर पर 35 किलो अनाज अब तक नहीं पहुंचाया गया है. बैठक में उनके साथ सदस्य विधायक नारायण दास भी मौजूद थे.
एकलव्य मॉडल स्कूल में बेहद कम दिखी छात्राओं की उपस्थिति : विधायक ताला मरांडी ने बताया कि एकलव्य माॅडल आवासीय बालिका विद्यालय में निरीक्षण के दौरान कक्षा 6 से 10 तक की 151 छात्राएं उपस्थित पायी गयी पर अन्य अनुपस्थित छात्राओं के नाम के आगे बिंदु दिया हुआ पाया गया जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि बाद में उन छात्राओं को उपस्थित दिखा दिया जाता है. गर्मी की छुट्टियों से पहले अधिकतर छात्राओं की उपस्थिति दिखायी गयी है. यह भी देखा गया कि बिंदु को बाद में पी अर्थात प्रजेंट दिखा दिया गया. छात्राओं ने कमेटी से शिकायत की कि उन्हें दो रुपये वाला साबुन दिया जाता है. स्टडी हॉल में रोशनी की बेहद कमी थी. स्टडी रूम में एक ही बल्ब था. कक्षा में डेस्क और बेंच भी पर्याप्त संख्या में नहीं थे.
धरातल पर िमले तथ्यों का होगा िमलान
निरीक्षण में रबनी स्कूल में न शिक्षक मिले न हॉस्टल सुपरिटेंडेंट
वहीं कल्याण विभाग द्वारा संचालित इंदरबनी स्कूल में कुव्यवस्था दिखी : एकलव्य विद्यालय के तुलना में यहां ज्यादा कुव्यवस्था अधिक थी. उन्होंने बताया कि इस स्कूल का संचालन जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा सीधे तौर पर किया जाता है. किचन के आसपास गंदगी फैली थी. चावल बनने के बाद फेंका गया मांड़ सड़कर दुर्गंध पैदा कर रही थी. रहना मुश्किल था. किचन में दरवाजे नहीं थे. वहां अक्सर सूअर घुस जाया करता है. स्कूल में छात्रावास अधीक्षक सहित 8 शिक्षक पदस्थापित है पर उनमें से कोई वहां नहीं मिला. 340 बच्चों में से 60 से 70 बच्चे ही उपस्थित थे. स्कूल का बाउंड्री पूरा नहीं है, स्कूल तक जाने के लिए सड़क नहीं है, स्कूल में बिजली है ही नहीं, सोलर पंप भी खराब है. यहां के छात्र दो चापाकलों के भरोसे हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों में 15-16 घंटे की जगह मिल रही आठ दस घंटे बिजली
डाकिया योजना में भी पायी अनियमितता
रिपोर्ट मिलान के बाद जिम्मेवार पर होगी कार्रवाई

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