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भविष्य की तकनीक पर करें काम : डॉ कलैसेल्वी

सिंफर के दो दिवसीय दौरे पहुंची सीएसआइआर की पहली महिला डीजी डॉ एन कलैसेल्वी

वरीय संवाददाता, धनबाद.

काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआइआर) के डायरेक्टर जनरल (डीजी) डॉ एन कलैसेल्वी दो दिवसीय दौरे पर सिंफर आयी हैं. अपने दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को उन्होंने सिंफर के सभागार में संस्थान के वैज्ञानिकों को संबोधित किया. डॉ कलैसेल्वी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा रिसर्च कार्यों के लिए सीएसआइआर के लैब को सबसे अधिक फंड दिया जाता है. अब सीएसआइआर के वैज्ञानिकों का कर्तव्य है कि राष्ट्र को इसका प्रतिफल दें. उन्होंने सरकार से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल देश की बेहतरी के लिए करने को कहा. उन्होंने सिंफर के वैज्ञानिकों को अगले पांच वर्षों में अपनी तकनीक विकसित करने का लक्ष्य दिया है. उन्होंने 2025, 2027 और 2029 तक अपनी तकनीक विकसित करने का आग्रह किया है.

अगले दो दशक देश के लिए महत्वपूर्ण :

डॉ एन कलैसेल्वी ने कहा कि आने वाले दो दशक देश के लिए महत्वपूर्ण हैं. इस दौरान भारत ने खुद को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में खड़ा होने का लक्ष्य रखा है. इसमें सीएसआइआर के सभी लैब की अग्रणी भूमिका होगी. उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले वह बेलारुस गयी थीं. वहां के साइंटिफिक लैब को देखने गयी थी. जब वह वहां पहुंची, तब वहां के वैज्ञानिकों ने बताया कि भारत में किन क्षेत्रों में उनके द्वारा विकसित टेक्नोलॉजी का उपयोग हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह हालात बदलने चाहिए. यह तभी सभंव होगा जब हम अपनी तकनीक पर काम करेंगे.

सिंफर की तारीफ :

डॉ एन कलैसेल्वी ने सिंफर द्वारा खनन क्षेत्र में किये जा रहे रिसर्च कार्य की तारीफ की. बताया कि अपने दौरे के पहले दिन गुरुवार को वह सिंफर के डिगवाडीह परिसर गयी थी. वहां कोयला से मेथनॉल बनाने की तकनीक पर कार्य को देखा. इसके साथ ही उन्होंने खदान के पानी को उसमें उगने वाले कवक के माध्यम साफ करने की प्रक्रिया और कोयला से सीम गैस हासिल करने पर हो रहे शोध को देखा. उन्होंने गुरुवार को अंडर ग्राउंड खदानों को देखा. यह देखकर काफी अच्छा लगा कि सिंफर इन जगहों पर बेहतर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि सिंफर देश का पहला सीएसआइआर लैब, जिसने दूसरे सीएसआइआर के लैब को 100 करोड़ रुपये का सीड फंड मुहैया कराया है. बताया कि सिंफर के पूर्व निदेशक डॉ पीके सिंह के कार्यकाल में संस्थान ने सीएसआइआर सेंट्रल इलेक्ट्रोकेमिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिकरी) को फंड मुहैया कराया था.

भविष्य की तकनीक पर करें काम :

डॉ एन कलैसेल्वी बताया कि सिंफर ने खनन कार्य के लिए होने वाले ब्लास्टिंग के क्षेत्र में बेहतर काम किया है. लेकिन आने वाला समय इलेक्ट्रॉनिक एक्सप्लोसिव का है. इस क्षेत्र में होने वाले रिसर्च के क्षेत्र में सिंफर को अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्तमान निदेशक डॉ अरविंद कुमार मिश्रा के नेतृत्व में सिंफर भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार है. उन्होंने इस दिशा में हो रहे शोध कार्यों के लिए निदेशक की तारीफ की.

पीआइएस पोर्टल को किया लांच :

डॉ एन कलैसेल्वी ने सिंफर के पहले पर्सनल इन्वेंटरी सिस्टम पोर्टल को लांच किया. साथ ही उनकी मौजूदगी में सिंफर ने तीन एमओयू किये. यह एमओयू “डस्ट एंड फायर सपरेशन प्रोडक्ट” के विकास, “डस्ट्रॉन पीसी कोयला” के निर्माण और विपणन और “स्वचालित गतिशील संतुलन के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए समझौता” किया गया. इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत में निदेशक डॉ अरविंद कुमार मिश्रा ने की. कार्यक्रम के अंत में महिला दिवस पर आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सीएसआइआर डीजी ने पुरस्कृत किया. डॉ. आशीष मुखर्जी के धन्यवाद ज्ञापन दिया. कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ. कार्यक्रम के बाद के डॉ कलैसेल्वी ने सिंफर धनबाद परिसर के विभिन्न लैब को देखा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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