32.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Jharkhand News : कृषि विभाग से खरीदा था धान का बीज, एक माह के अंदर ही आ गयी बाली, किसान परेशान

धनबाद के बलियापुर प्रखंड के दर्जनों किसान इनदिनों काफी परेशान है. कारण है धान रोपनी के एक माह के अंदर ही उसमें बाली आ जाना. जल्दी बाली आने से काफी नुकसान की संभावना है. वहीं, BAU इसे संज्ञान में लेकर जांच करायेगा.

Jharkhand News (बलियापुर, धनबाद) : खरीफ में धान की फसल से उम्मीद लगाये बैठे बलियापुर प्रखंड के कई किसानों पर जैसे वज्रपात हुआ है. खरीफ सीजन की फसलों में से एक धान की खेती की रोपाई के लिए किसानों ने अनुदानित दर पर बीज लिया था. लेकिन, कई क्षेत्रों में समय से पहले ही धान की बाली आ गयी है. ऐसे में धनबाद के बलियापुर क्षेत्र के किसानों की चिंता काफी बढ़ गयी है.

बलियापुर क्षेत्र के दुधिया निवासी हकीमउद्दन अंसारी कहते हैं कि हम अपना दर्द लेकर कहां जायें. अगर फसल नहीं हुई, तो दाने-दाने को मोहताज हो जायेंगे. दरअसल, अनुदानित दर पर मिले बीज ने ऐसी चोट पहुंचायी कि खरीफ की फसल को लेकर किसानों की उम्मीदें लगभग धराशायी होने को है. असमय बाली निकलने के संकट से जूझ रहे किसानों के पास इससे उबरने का उपाय नहीं है.

बता दें कि गत 15 जुलाई को बलियापुर प्रखंड के दर्जनों किसानों ने सरकार से अनुदानित दर पर मिले बीज को अपने खेतों में डाला और गत 11 अगस्त को बिचड़े की रोपनी की थी. किसानों ने कृषि विभाग से आधी कीमत पर IR- 64 और DRRH-3 किस्म के धान बीज खरीदा था. लेकिन, एक माह के अंदर ही धान में बाली आ गयी, जो शुभ संकेत नहीं है.

Also Read: धनबाद के मैथन में रुपये डबल करने का लालच देकर 10 करोड़ के ठगी का मामला, कोलकाता से महिला आरोपी गिरफ्तार
बाली आना अच्छा संकेत नहीं

15 जुलाई को खेतों में बीज डाला गया था और 11 अगस्त को बिचड़ों की रोपनी की गयी थी. रोपनी के एक माह के अंदर ही धान के पौधों में बाली आ गयी है. इस संबंध में किसानों का कहना है कि एक माह में ही पौधों में ही बाली आना अच्छा संकेत नहीं है. इससे किसानों को काफी नुकसान की संभावना है. प्रखंड क्षेत्र के किसानों ने जिला कृषि पदाधिकारी को आवेदन देकर क्षतिपूर्ति देने की मांग की है. वहीं, प्रखंड कृषि पदाधिकारी अजय कुमार पासवान का कहना है कि मामले से जिला कृषि पदाधिकारी को अवगत करा दिया गया है.

BAU संज्ञान में लेकर करेगी जांच : डॉ अब्दुल वदूद

वहीं, BAU रांची के अनुसंधान निदेशक डॉ अब्दुल वदूद ने कहा कि हमें यह पता करना होगा कि किसानों ने जो वैरायटी लगायी है, क्या वह कम अवधि वाली तो नहीं है. कम अवधि वाले वैरायटी से एक माह में बाली निकल सकती है. वहीं कभी- कभी तापमान अधिक रहने पर यह स्थिति आती है और कम समय पर बाली आ जाती है. उन्होंने कहा कि अगर पौधा स्वस्थ है और बाली आ गयी है, तो किसान चिंतित ना हो. वैसे बिरसा कृषि यूनिवर्सिटी इसे संज्ञान में लेकर इसकी जांच करायेगा. यूनिवर्सिटी सहित KVK के वैज्ञानिक से इसकी जांच करायी जायेगी.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें