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झारखंड : नीरज हत्याकांड के आरोपी पूर्व विधायक संजीव सिंह को नहीं मिली अंतरिम जमानत, 6 साल से जेल में हैं बंद

एमपी-एमएलए न्यायालय के विशेष न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत ने नीरज हत्याकांड के आरोपी पूर्व विधायक संजीव सिंह को अंतरिम जमानत नहीं दी. कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख तीन मई, 2023 मुकर्रर कर दी. पूर्व विधायक पिछले छह साल से जेल से बंद हैं.

Jharkhand News: अपने चचेरे भाई नीरज सिंह की हत्या के साजिश में छह साल से जेल में बंद झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह की अंतरिम जमानत अर्जी पर सुनवाई सोमवार को एमपी-एमएलए न्यायालय के विशेष न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत में हुई. अदालत ने झारखंड हाइकोर्ट के आदेश की प्रतीक्षा करते हुए सुनवाई की अगली तिथि तीन मई, 2023 मुकर्रर कर दी.

22 पन्नों की मेडिकल रिपोर्ट पेश हुई

अभियोजन की ओर से जेल अधीक्षक ने अदालत में संजीव सिंह की 22 पन्नों की मेडिकल रिपोर्ट पेश की. जिस पर संजीव के अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने दलील देते हुए कहा कि संजीव सिंह नौ विभिन्न प्रकार के बीमारियों मानसिक अस्वस्थता, ह्रदय रोग एवं शरीर के बांए हिस्से में दर्द, जिसे एक प्रकार का लकवा का लक्षण कहा जाता है के अलावा भूल जाने, डिमेंशिया व अन्य प्रकार के रोग से ग्रसित हैं, जिनका इलाज धनबाद जेल में नहीं हो पा रहा है. 10 अप्रैल को उन्हें एसएनएमएमसीएच में भर्ती भी किया गया था. जहां चार सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने उनका इलाज किया और बेहतर इलाज के लिए उन्हें रिम्स या रिमपास में भेजने की अनुशंसा की है. संजीव को 15 अप्रैल को अस्पताल से डिस्चार्ज कर जेल भेज दिया गया.

अभियुक्तों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया

वहीं, अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक अवधेश कुमार ने जमानत का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि संजीव सिंह का इलाज जेल में चल रहा है. अदालत ने उभय पक्षों की दलीलें सुनने के बाद संजीव को अंतरिम जमानत देने से इंकार करते अर्जी को खारिज कर दी. दूसरी ओर सुनवाई के दौरान मामले के अन्य अभियुक्तों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया, जबकि संजीव सिंह को बीमार रहने के कारण पेश नहीं किया जा सका. संजीव 11 अप्रैल, 2017 से इस मामले में जेल में बंद है, जिनके विरुद्ध पुलिस ने 28 जून, 2017 को आरोप पत्र दायर किया था. 3 जनवरी, 2019 को अदालत ने संजीव समेत छह के विरूद्ध आरोप का गठन कर दिया था.

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पंकज सिंह ने आवेदन दायर कर निर्णय की कॉपी को प्रदर्श अंकित करने का किया आग्रह

नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के मामले में जेल में बंद पंकज सिंह ने सोमवार को अपने अधिवक्ता पंकज प्रसाद के मार्फत जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत में आवेदन दायर कर इस मामले से जुड़े राम आह्लाद राय के मकान में एक कमरे को भाड़े पर लेकर शूटरों को ठहराने के एक दूसरे मामले में प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी सुभाष बारा की अदालत द्वारा रिहा किए जाने से संबंधित निर्णय की कॉपी को प्रस्तुत कर उसे प्रदर्श अंकित करने का आग्रह किया है. बता दें कि 12 सितंबर, 2022 को अदालत ने पंकज सिंह समेत छह आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया था.

रंगदारी मामले में गोपी व प्रिंस के खिलाफ वारंट जारी, इकबाल और अमीर का सफाई बयान दर्ज

रेलवे ठेकेदार एके झा से रंगदारी मांगने के मामले की सुनवाई सोमवार को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी दिव्या अश्वनी की अदालत में हुई. सुनवाई के दौरान कांड के नामजद आरोपी गैंगस्टर फहीम खान के पुत्र इकबाल खान व अमीर खान उर्फ अमीर आलम अदालत में उपस्थित थे, जबकि प्रिंस खान व गोपी खान गैरहाजिर थे. अदालत ने दोनों आरोपियों का बंधपत्र को रद्द कर उनके खिलाफ वारंट जारी किया है. अदालत ने इकबाल खान व अमीर खान उर्फ अमीर आलम का सफाई बयान दर्ज किया. दोनों ने अपने ऊपर लगे आरोप से इंकार करते हुए अपने को निर्दोष बताया. अदालत ने बहस के लिए अगली तारीख तीन मई निर्धारित की. इकबाल की ओर से अधिवक्ता शहबाज सलाम जबकि अमीर की ओर से अधिवक्ता कुमार मनीष ने पैरवी की.

इकबाल ने दिया था निर्देश

बता दें कि बैंक मोड़ थाना प्रभारी अशोक कुमार सिंह के स्वलिखित बयान पर इकबाल खान, प्रिंस खान, गोपी खान, आमीर खान उर्फ अमीर आलम के विरुद्ध प्राथमिकी बैंक मोड़ थाना कांड संख्या 233/15 दर्ज की गई थी. पुलिस के हत्थे चढ़े फहीम के गुर्गे आमीर आलम ने पुलिस के समक्ष अपना जुर्म कबूल करते हुए कहा था कि इकबाल के निर्देश पर वह ठेकेदारों एवं बिल्डरों से रंगदारी की मांग करता था. इकबाल ने उसे ठेकेदार एके झा का काम तमाम करने का भी निर्देश दिया था.

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