सचिवों की कमेटी ने की अनुशंसा : पीआरपी का आधार बदला
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कोल अधिकारियों के नये वेतनमान की अनुशंसा
सचिवों की कमेटी ने की अनुशंसा : पीआरपी का आधार बदला देश के 278 केंद्रीय लोक उपक्रम के अधिकारियों को होगा लाभ कैबिनेट की मंजूरी के बाद पहली जनवरी 2017 से होगा लागू धनबाद : कोयला अधिकारियों को नया वेतनमान जल्द मिलने की संभावना बढ़ गयी है. केंद्रीय सार्वजनिक लोक उपक्रम (सीपीएसइ) के अधिकारियों के […]
देश के 278 केंद्रीय लोक उपक्रम के अधिकारियों को होगा लाभ
कैबिनेट की मंजूरी के बाद पहली जनवरी 2017 से होगा लागू
धनबाद : कोयला अधिकारियों को नया वेतनमान जल्द मिलने की संभावना बढ़ गयी है. केंद्रीय सार्वजनिक लोक उपक्रम (सीपीएसइ) के अधिकारियों के नये वेतनमान की अनुशंसा करने वाली थर्ड पे रिवीजन कमेटी की रिपोर्ट को सचिवों की कमेटी ने कुछ अनुशंसा को छोड़ अनुमोदन कर दिया. अब सचिवों की कमेटी की अनुशंसा कैबिनेट से स्वीकृत होने के बाद लागू होगी. इससे देश के 278 सीपीएसइ के लगभग दो लाख अधिकारियों को लाभ होगा. हालाकि थर्ड पे रिवीजन कमेटी ने सेकेंड पे रिवीजन कमेटी से कम की अनुशंसा की है, जिससे अधिकारियों में नाराजगी बतायी जा रही है.
जून 2016 में गठित हुई थी कमेटी : पीएसइ अधिकारियों के वेतन निर्धारण के लिए केंद्र सरकार ने 9 जून 2016 को सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति सतीश चंद्रा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया. जिसके सदस्य जुगल महापात्र, पूर्व आइएएस, प्रो मनोज पंडा, निदेशक इन्स्टीट्यूट फॉर इकोनामिक ग्रोथ दिल्ली, शैलेंद्र पाल सिंह, पूर्व निदेशक (एचआर) एनटीपीसी एवं सचिव लोक उद्यम विभाग कमेटी के पदेन सदस्य और केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव सदस्य सचिव के रूप में शामिल थे. कमेटी ने अध्ययन के बाद अपनी रिपोर्ट इस साल के मार्च महीने में दी.
कोल अधिकारियों
रिपोर्ट की स्टडी के लिए केंद्र सरकार ने कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की एक कमेटी बनायी.
सचिवों की कमेटी की बैठक
केंद्र सरकार द्वारा गठित सचिवों की कमेटी की बैठक 12 मई को राष्ट्रपति भवन स्थित मंत्रिमंडल सचिवालय दिल्ली में हुई. अध्यक्षता कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने की. बैठक में कोल, स्टील, भारी उद्योग,पावर, सिविल एविएशन, टेक्सटाइल समेत 20 विभागों के सचिव शामिल थे. बैठक में 15 प्रतिशत फिटमेंट, 35 प्रतिशत पर्क, 3 प्रतिशत सलाना इंक्रीमेंट, पीआरपी आदि अनुशंसा को स्वीकृत किया गया. बैठक में कोल सचिव ने कहा कि कोल इंडिया की सभी अनुषंगी इकाइयों को अलग-अलग कंपनी न मानकर कोल इंडिया को ही एक कंपनी मान सभी कोल अधिकारियों को लाभ दिया जाये.
बैठक में इसे स्वीकार कर लिया गया. पीआरपी का अाधार इस बार बदल दिया गया है. अब अधिकारियों को कंपनी रेटिंग, व्यक्तिगत रेटिंग और ग्रुप रेटिंग के आधार पर पीआरपी का भुगतान होगा. एचआरए समेत अन्य भत्तों पर बैठक में यह तय किया गया कि सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा का अध्ययन कर केंद्र सरकार फैसला लेगी.
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