रंजय के साथ बाइक सवार राजा यादव के बयान पर अज्ञात बाइक सवार शूटरों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. पुलिस ने शूटरों का स्कैच बनवाया. मामा के फोटो की राजा से पहचान करायी. राजा ने फोटो से पहचान की कि रंजय को गोली मारने वालों में एक मामा भी था. मामा की खोज में पुलिस ने धैया स्थित हर्ष सिंह के अावास व डिप्टी मेयर के सरायढेला स्थित रघुकुल के अावास में छापामारी की थी, लेकिन वह नहीं मिला था. मामा को खोज में तेतुलमारी, भोजपुर समेत बिहार में कई स्थानों पर छापामारी की, लेकिन पता नहीं चला. इसी बीच 21 मार्च को सरेशाम नीरज सिंह समेत चार लोगों को स्टील गेट के समीप गोलियों से भून दिया गया. पुलिस रेस हुई और रांची से एडीजी स्तर के अफसरों को धनबाद में कैंप करना पड़ा. पुलिस अनुसंधान में खुलासा हुआ रंजय हत्याकांड समेत अन्य प्रतिशोध में नीरज की हत्या की गयी है.
चरचा है कि धनबाद से बाहर के एक सीनियर पुलिस अफसर मामले में मामा के शागिर्दों पर मेहरबान हैं. इसी कारण पुलिस नीरज हत्याकांड में व्यस्तता का बहाना बनाकर रंजय हत्याकांड में चुप बैठी हुई है. पुलिस महकमें भी मामले में जितने मुंह उतनी बातें सुनने को मिल रही है. नये सिटी एसपी व डीएसपी के योगदान देने के बाद पुलिस रंजय हत्याकांड में भी रेस होने की उम्मीद है.