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नीरज हत्याकांड के बाद रंजय मर्डर केस में आयी शिथिलता

धनबाद: झरिया विधायक संजीव सिंह के खासमखास रंजय सिंह हत्याकांड का कथित मास्टरमाइंड नंद कुमार सिंह उर्फ रूना सिंह उर्फ बबलू उर्फ मामा को 125 दिनों में पुलिस खोज नहीं सकी है. ढाई माह से रंजय हत्याकांड की फाइल भी पुलिस नहीं देखी है. रंजय की हत्या 29 जनवरी को बिग बाजार के सामने चाणक्य […]

धनबाद: झरिया विधायक संजीव सिंह के खासमखास रंजय सिंह हत्याकांड का कथित मास्टरमाइंड नंद कुमार सिंह उर्फ रूना सिंह उर्फ बबलू उर्फ मामा को 125 दिनों में पुलिस खोज नहीं सकी है. ढाई माह से रंजय हत्याकांड की फाइल भी पुलिस नहीं देखी है. रंजय की हत्या 29 जनवरी को बिग बाजार के सामने चाणक्य नगर कॉलोनी मोड़ पर कर दी गयी थी.

रंजय के साथ बाइक सवार राजा यादव के बयान पर अज्ञात बाइक सवार शूटरों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. पुलिस ने शूटरों का स्कैच बनवाया. मामा के फोटो की राजा से पहचान करायी. राजा ने फोटो से पहचान की कि रंजय को गोली मारने वालों में एक मामा भी था. मामा की खोज में पुलिस ने धैया स्थित हर्ष सिंह के अावास व डिप्टी मेयर के सरायढेला स्थित रघुकुल के अावास में छापामारी की थी, लेकिन वह नहीं मिला था. मामा को खोज में तेतुलमारी, भोजपुर समेत बिहार में कई स्थानों पर छापामारी की, लेकिन पता नहीं चला. इसी बीच 21 मार्च को सरेशाम नीरज सिंह समेत चार लोगों को स्टील गेट के समीप गोलियों से भून दिया गया. पुलिस रेस हुई और रांची से एडीजी स्तर के अफसरों को धनबाद में कैंप करना पड़ा. पुलिस अनुसंधान में खुलासा हुआ रंजय हत्याकांड समेत अन्य प्रतिशोध में नीरज की हत्या की गयी है.

पुलिस मामले में विधायक संजीव सिंह समेत छह लोगों को जेल भेज चुकी है. सीआइडी एडीजी ने अपनी एडवाइजरी में नीरज हत्याकांड में संजीव सिंह, धनजी सिंह, पिंटू सिंह व डबलू मिश्रा की गिरप्तारी का आदेश जिला पुलिस को दिया था. सीआइडी एडीजी ने रंजय हत्याकांड में मामा व उसके शागिर्दों की गिरफ्तारी का आदेश दिया था. रंजय हत्याकांड में पुलिस नीरज की हत्या के बाद से हाथ पर हाथ धरकर बैठी हुई है. मामा कहां हैं, मामा अपने शागिर्दों के संपर्क में है या नहीं आदि जानकारी लेने व मामा के दबोचने की दिशा में पुलिस चुप बैठी हुई है. मामा को भूटान व नेपाल भागे जाने की चरचा है. मामा के शागिर्द उसे फिलहाल बाहर रहने का निर्देश दे रखे हैं.

चरचा है कि धनबाद से बाहर के एक सीनियर पुलिस अफसर मामले में मामा के शागिर्दों पर मेहरबान हैं. इसी कारण पुलिस नीरज हत्याकांड में व्यस्तता का बहाना बनाकर रंजय हत्याकांड में चुप बैठी हुई है. पुलिस महकमें भी मामले में जितने मुंह उतनी बातें सुनने को मिल रही है. नये सिटी एसपी व डीएसपी के योगदान देने के बाद पुलिस रंजय हत्याकांड में भी रेस होने की उम्मीद है.

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