लोदना: संचालक पर आवासीय, आय, जाति, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र व पेंशन के आवेदकों से मोटी रकम लेने का आरोप है. इस संबंध में भाकपा माले नेता अनिल पासवान ने कहा कि प्रज्ञा केंद्र में आवासीय व जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवासीय के लिए 1985 का प्रमाण पत्र व जाति के लिए 1932 का खतियान मांगा जा रहा है.
जिसके पास नहीं है, उसकी भी व्यवस्था केंद्र संचालक द्वारा कथित रूप से करायी जा रही है. लेकिन जरूरतमंदों को इसके लिए सुविधा शुल्क देना पड़ रहा है, जबकि उक्त सभी प्रमाण पत्र बनाने का सरकारी शुल्क मात्र 30 रुपये है. जिनके पास जरूरी प्रमाण पत्र है, उनसे भी मोटी रकम की मांग की जाती है. नहीं देने पर कागजात का स्कैन कर होल्ड में डाल दिया जाता है.
जब आवेदक इसकी शिकायत झरिया सीओ से करते हैं तो सीओ इसकी जांच करने की बात कह कर चुप्पी साध लेते हैं. जानकारी हो कि केंद्र संचालक को आधार पंजीयन में अनुचित राशि वसूलते हुए पूर्व उपायुक्त ने पकड़ा था. इसके बाद उपायुक्त ने केंद्र संचालक का ओएमटी आइडी को निलंबित कर दिया था. बावजूद अंचल कार्यालय भवन में केंद्र का संचालन हो रहा है. बताया जाता है कि पहले यूटीआइ के अधीन प्रज्ञा केंद्र संचालित होते थे. लेकिन, 11.10.2016 को सरकार से यूटीआइ का एकरारनामा समाप्त हो गया. अब संचालन जिला ई-गवर्नेंस सोसाइटी धनबाद के अधीन है. यूटीआइ का पंजीयन मान्य नहीं है. मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जैप आइटी रांची द्वारा निर्गत पत्र में सख्त निर्देश है कि पंचायत भवन को छोड़ किसी अन्य सरकारी भवन में प्रज्ञा केंद्र का संचालन नहीं किया जा सकता, बावजूद झरिया अंचल कार्यालय में प्रज्ञा केंद्र चल रहा है. जीनागोड़ा निवासी ललीता देवी ने कहा कि उसने अपने पति की मृत्यु के बाद 17 दिसंबर 2016 को अंचल कार्यालय प्रज्ञा केंद्र में पारिवारिक सूची के लिए सभी कागजात के साथ आवेदन किया था. लेकिन आज तक नहीं बना. इससे जरूरी कार्य बाधित है. कई बार केंद्र का चक्कर लगा चुकी है. केंद्र के कर्मी आज कल होने की बात कह वापस भेज देते हैं.
आरोप गलत : संचालक
प्रज्ञा केंद्र संचालक अवधेश गिरि ने कहा कि केंद्र का पंजीकरण उनके नाम से है.मुझ पर कोई मामला दर्ज हुआ है. केंद्र को अंचल कार्यालय से हटा लिया गया है. अधिक पैसा लेने का आरोप गलत है.
जांच के बाद कार्रवाई
केदारनाथ सिंह ने कहा कि आवेदक लिखित शिकायत करें. केंद्र संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. अंचल भवन में प्रज्ञा केंद्र चलाने के सवाल पर गोल-मटोल जवाब दिया. कहा कि यह गलत है, इसकी जांच करेंगे.