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कम समय में किये कई बड़े काम : डॉ गुरदीप
धनबाद. कम समय में काफी काम किये. और बहुत कुछ करने की चाह थी लेकिन उसे पूरा नहीं कर पाया. इसका मलाल रहेगा. यह कहना है विभावि के कुलपति डॉ गुरदीप सिंह का. उनकी सेवा अवधि के अब कुछ ही दिन बचे हैं. शुक्रवार को उनके प्रयास से बने विश्वविद्यालय के रीजनल सेंटर में उन्हें […]
धनबाद. कम समय में काफी काम किये. और बहुत कुछ करने की चाह थी लेकिन उसे पूरा नहीं कर पाया. इसका मलाल रहेगा. यह कहना है विभावि के कुलपति डॉ गुरदीप सिंह का. उनकी सेवा अवधि के अब कुछ ही दिन बचे हैं. शुक्रवार को उनके प्रयास से बने विश्वविद्यालय के रीजनल सेंटर में उन्हें विदाई दी गयी. उन्हें शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया. मौके पर डॉ गुरदीप सिंह ने कहा कि उन्होंने दिल से इस विश्वविद्यालय के लिए कार्य किया है. उन्होंने दावा किया कि इतने कम समय में इतना काम सबके बूते की बात नहीं. स्थिति यह थी राजभवन में विभावि को मिसाल के तौर पर पेश किया जाता रहा. पद छोड़ने के बाद भी विवि के प्रति इतना ही लगाव रखेंगे. उन्होंने कहा कि कॉलेजों में शिक्षकों की कमी दूर नहीं कर पाने का मलाल है.
कुछ दिन और रहता तो प्लानिंग फूल इंप्लिमेंट करा पाता. बताया कि कॉलेजों में नैक कराना, विवि से लेकर कॉलेज तक के सिस्टम को ऑन लाइन करने का प्रयास, महामहिम राष्ट्रपति को हजारीबाग विभावि लाना, विवि को एनआइआरएफ की तराजू पर रखना ये सब उनके कार्यकाल की कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियां हैं. स्वागत भाषण रीजनल सेंटर के नोडल ऑफिसर प्रो. इंद्रजीत ने दिया. मौके पर पीके राय कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ एसकेएल दास, एसएसएलएनटी महिला कॉलेज की प्रभारी प्राचार्य डॉ मीना श्रीवास्तव, बीएसके कॉलेज मैथन से एमपी सिंह सहित रीजनल सेंटर के तमाम कर्मी उपस्थित थे.
पीके राय व एसएसएलएनटी में भी विदाई समारोह : कुलपति डॉ गुरदीप सिंह के धनबाद पहुंचने पर एसएसएलएनटी महिला कॉलेज व पीके राय मेमोरियल कॉलेज में भी विदाई समारोह आयोजित की गयी. एसएसएलएनटी में समारोह को संबोधित करते हुए डॉ गुरदीप सिंह ने कहा कि यह कॉलेज कम्यूनिटी कॉलेज के मार्फत राष्ट्रीय पटल पर छा गया है. इसके पीछे डॉ मीना श्रीवास्तव का प्रयास व कर्मियों की सहभागिता महत्वपूर्ण रही. यहां डॉ गुरदीप को शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया. वहीं पीके राय कॉलेज में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि यह कॉलेज धनबाद की शान है. कई मायने में यह आइआइटी आइएसएम से भी बेहतर स्थिति में है. कॉलेज के मेहनती प्रभारी प्राचार्य डॉ एसकेएल दास की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका रही है. धनबाद का यह एक मात्र कॉलेज है जहां इंटरमीडिएट से लेकर पीजी में तेरह विषयों का संचालन होता है. यहां भी शॉल ओढ़ाकर उन्हें सम्मानित किया गया.
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