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सवालों के घेरे में पॉलिटेक्निक की काउंसेलिंग

धनबाद : झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा के तहत चयनित परीक्षार्थियों की काउंसेलिंग की तिथि जेसीइसीइ बोर्ड ने 18 मई जो जारी की है. इसे लेकर कई सवाल उठ रहें हैं. मैट्रिक स्तर की इस प्रतियोगिता परीक्षा की काउंसेलिंग पहली बार मैट्रिक की परीक्षा का परिणाम निकले बिना होने जा रही है. इससे पहले मैट्रिक […]

धनबाद : झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा के तहत चयनित परीक्षार्थियों की काउंसेलिंग की तिथि जेसीइसीइ बोर्ड ने 18 मई जो जारी की है. इसे लेकर कई सवाल उठ रहें हैं. मैट्रिक स्तर की इस प्रतियोगिता परीक्षा की काउंसेलिंग पहली बार मैट्रिक की परीक्षा का परिणाम निकले बिना होने जा रही है. इससे पहले मैट्रिक परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद ही काउंसेलिंग होती थी.
क्या कहना है जेसीइसीइ बोर्ड का : जेसीइसीइ बोर्ड के अधिकारी ओम प्रकाश का कहना है कि परिणाम घोषित होने से पहले काउंसेलिंग से कोई गड़बड़ी नहीं होगी. काउंसेलिंग पारदर्शी होगी. ऐसा इसलिए हुआ है ताकि परीक्षा परिणाम की प्रतिक्षा में सत्र लेट न हो. इसमें शामिल होने वाले आवेदकों को बिना पास आउट सर्टिफिकेट के भी काउंसेलिंग में शामिल होने की इजाजत दी गयी है. विकल्प के रूप में मैट्रिक परीक्षा के सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स देकर काउंसेलिंग में शामिल हो सकते हैं. ऐसी व्यवस्था की नौबत क्यों आयी इस पर बयान देने से अधिकारी कतरा रहें हैं. वहीं जानकार सूत्रों का मानना है कि इससे गड़बड़ी की आशंका बढ़ेगी.
क्या खोजा गया विकल्प : अधिसूचना के अनुसार इसके लिए मैट्रिक के एडमिट कार्ड की प्रति पेश करनी है. इस वादा के साथ कि रिजल्ट आने पर उसेे भी प्रस्तुत कर दिया जायेगा. इसके अलावा नामांकन के लिए अन्य कई जरूरी प्रमाण पत्र पेश करना है.
क्या मानना है िवशेषज्ञों का
ऐसी व्यवस्था में गड़बड़ी की आशंका बनी रहेगी. क्योंकि जो परीक्षार्थी चयनित हैं अगर वह मैट्रिक में उत्तीर्ण नहीं होते हैं तो उनके रिक्त स्थान पर बैक डोर से वैसे स्टूडेंट्स लिये जा सकते है जो उसकी प्रतिभा नहीं रखते.
संजय आनंद, निदेशक, गोल इंस्टीट्यूट(धनबाद )
प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर काउंसेलिंग तभी होनी चाहिए जब उसका रिजल्ट घोषित हो जाय. मेरा जेसीइसीइ बोर्ड से एक ही सवाल है कि इतनी जल्दी क्यों. रिजल्ट के बाद क्यों नहीं होगी काउंसेलिंग.
मनोज कुमार सिंह, संचालक, विद्या मंदिर कोचिंग इंस्टीट्यूट, मनोरमनगर(धनबाद)
यह मिस मैनेजमेंट है या फिर गड़बड़ी का मार्ग खोला गया है. काउंसेलिंग में इतनी हड़बड़ी क्या थी. रिजल्ट तो निकल जाने देते. यदि किसी बच्चे का नामांकन ले लिया जाये और उसका रिजल्ट नहीं आता है, तो क्या करेंगे.
रोहित रंजन , निदेशक नारायणा ,धनबाद सेंटर
मैट्रिक स्तर की पॉलिटेक्निक की काउंसेलिंग बिना रिजल्ट के कैसे और क्यों करेंगे. वैसे ही जेसीइसीइ बोर्ड के परफॉरमेंस पर शक की गुंजाइश रहती है. इस प्रवेश परीक्षा का तो प्रश्न पत्र लिक होने की बात भी सामने आयी थी.
अजय बीर सिंह, निदेशक, फोकस कोचिंग इंस्टीट्यूट (धनबाद)
पहले नहीं हुआ
यह बिल्कुल गलत है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. क्यों पड़ी इसकी जरूरत? सवाल है कि चयनित बच्चा अगर मैट्रिक में फेल हो गया तो उसके रिक्त स्थान पर आप क्या करेंगे. यह प्रतियोगिता परीक्षा की गुणवत्ता का सरासर हनन है. जून में काउंसेलिंग करा लेते तो उससे क्या बन बिगड़ जाता.
प्रेमानंद, निदेशक, गुरुकुल (धनबाद)

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