धनबाद: धनबाद में 19 से 21 जनवरी के बीच चले पोलियो उन्मूलन अभियान में गड़बड़ियां बरती गयी हैं. इसमें विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों के अलग-अलग बयान आ रहे हैं. गड़बड़ी किसके स्तर से हुई.
किसने की, कैसे की, इसकी जानकारी जुटायी जा रही है. तमाम रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जायेगी. यें बातें आरडीडीइ (स्वास्थ्य) डॉ राम रतन सिंह ने कही. उन्होंने कहा कि एक बात तो स्पष्ट है कि अभियान के दौरान वैकल्पिक व्यवस्था पर विभाग फेल रहा है. आरडीडीइ मुख्यालय के आदेश पर पल्स पोलियो अभियान (19 से 21 तक, जनवरी) के दौरान विभाग द्वारा की गयी गड़बड़ियों की जांच करने शुक्रवार को धनबाद सदर अस्पताल पहुंचे थे.
क्या है मामला
बूथों तक वैक्सिन पहुंचाने वाले सुपरवाइजर ने अंतिम समय में काम करने से अपने हाथ खीच लिये थे. बिना अनुभव के ही विभागीय अधिकारी ने एक वीटीटी महिला रेणु देवी को सुपरवाइजर बना दिया. इसके बाद सुबह वाहन से वैक्सिन लेकर रेणु देवी बूथों के लिए रवाना हो गयी. उन्हें खुद पता नहीं था, कहां बूथ है, कहां वैक्सिन देना है. उन्होंने बूथ नंबर 70 सीएमआरआइ गेट व बूथ 74 हाउसिंग बोर्ड के पास वैक्सिन रख दिया. लेकिन वहां न वैक्सिनेटर थे, न कैरियर. वैक्सिन दिन भर वहां पड़ा रहा. इसके बाद लावारिश अवस्था में वैक्सिन को देख कर बगल के एक व्यक्ति ने अपने यहां रख दिया. विभाग वैक्सिन को लापता बता रहा था, लेकिन महिला का कहना था कि उसने वैक्सिन दिया है. बाद में इसे बरामद किया गया.
निरसा मामले की जांच
आरडीडीइ ने बताया कि इससे एक सप्ताह पहले वह निरसा में जांच करने आये थे. वहां हेल्थ वर्कर पतित पावन मंडल व उनकी पत्नी के मामले की जानकारी ली. बताया जाता है कि श्री मंडल ने तीन महिलाओं से शादी की थी, इसमें एक की मौत हो गयी है. महिलाएं अपना हक मांग रही हैं, हालांकि मंडल का कहना है कि उनकी दो पत्नी ही हैं. इसमें एक की मौत हो गयी है. आरडीडीइ ने बताया कि यह कोर्ट से ही मामला सलट सकता है. मामला कोर्ट में भी है.