मांस दुकानदारों को लाइसेंस के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा. लाइसेंस अब स्वास्थ्य विभाग के फूड सेफ्टी विभाग को देना है. लेकिन सबसे बड़ी बाधा जमीन को लेकर है.
धनबाद : मांस दुकानदारों को पहले निगम जमीन के लिए एनओसी देगा, इसके बाद ही फूड सेफ्टी विभाग आवश्यक अर्हता पूरी होने पर लाइसेंस देगा. इधर, मांस दुकानदार मंगलवार को डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह के नेतृत्व में सिविल सर्जन डॉ चंद्रांबिका श्रीवास्तव से मिले. दुकानदारों को हो रही परेशानी से अवगत कराया गया. डिप्टी मेयर ने जल्द मांस के लिए लाइसेंस देने की बात कही. सिविल सर्जन ने बताया कि लाइसेंस के लिए ऑन लाइन आवेदन करना है.
इसके लिए स्थानीय निकाय से जमीन से संबंधित एनओसी लेना है.
जानें कैसे करना होगा आवेदन : फूड सेफ्टी के कार्यालय में मांस विक्रेताओं को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथिरिटी इंडिया की साइट पर जाकर आॅन लाइन आवेदन करना होगा. इसमें राज्य का नाम, जिला का नाम, व्यवसाय के प्रकार से संबंधित खाने भरने होंगे. इसके बाद आवश्यक अर्हता पूरी करने के बाद लाइसेंस निर्गत किया जायेगा. सलाना 12 लाख से नीचे का टर्न ओवर करने वाले दुकानदार को दो हजार रुपये बतौर लाइसेंस देना होगा. हर साल इसका रिनुअल भी कराना होगा. जिस जगह पर दुकान है, उसकी जमीन से संबंधित कागजात प्रस्तुत करने होंगे. जमीन के लिए एनओसी नगर निगम देगा, लेकिन इसके लिए दुकानदार को होल्डिंग टैक्स व ट्रेड लाइसेंस के लिए राशि जमा करनी होगी.
लाइसेंस को लेकर सबसे बड़ी बाधा जमीन को लेकर है. लगभग 80 प्रतिशत ऐसे चिकेन, मटन की दुकान हैं, जिसके पास अपनी जमीन नहीं हैं. अधिकांश दुकान सड़क के किनारे रोड डिवीजन, एनएच, बीसीसीएल, रेलवे, गैर आबाद आदि दूसरे विभाग की जमीन पर हैं. ऐसे में इन दुकानदारों के समक्ष जमीन के कागजात जुटाना परेशानी का सबब बन गया है. अब ऐसे दुकानदारों के समझ रोजी-रोटी की समस्या भी उत्पन्न हो गयी है. बताया जाता है कि धनबाद में फिलहाल 1200 मीट, मुर्गा आदि के दुकान हैं.