जमसं के महामंत्री बच्चा सिंह द्वारा गुरुवार को यहां जारी पत्र के अनुसार संगठन को सुचारु रूप से चलाने के लिए तीन को नयी जिम्मेदारी दी गयी है. पिछले कुछ वर्षों से नीरज सिंह ही जमसं (बच्चा गुट) की कमान संभाले हुए थे. 21 मार्च को नीरज की हत्या के बाद ही यह सवाल उठने लगा था कि उनकी राजनीतिक विरासत कौन संभालेगा.
एक हलके से दिवंगत नेता की पत्नी पूर्णिमा सिंह को मजदूर राजनीति में लाने की मांग उठ रही थी. परिजनों के अनुसार पूर्णिमा सिंह अभी राजनीति में नहीं आयेंगी. नीरज सिंह के दोनों भाई ही जमसं की राजनीति में सक्रिय रहेंगे. डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह पहले भी राजनीति में सक्रिय रहे हैं. जबकि अभिषेक सिंह अब तक राजनीतिक गतिविधियों से दूर ही रहते थे. उन्हें अब मजदूर राजनीति में ज्यादा समय देना पड़ेगा. साथ ही दिवंगत नेता के मौसेरे भाई हर्ष सिंह को भी पहली बार मजदूर राजनीति में उतारा गया है.