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पेंशन फंड : कोल इंडिया कर रहा गुमराह

धनबाद: कोल इंडिया की इस दलील पर कि पेंशन फंड को लेकर कोई संकट नहीं, मजदूर नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. सीएमपीएफ ट्रस्टी बोर्ड के सदस्यों ने इस मामले में कोल इंडिया पर गलतबयानी का आरोप लगाते हुए कहा कि कोल इंडिया कर्मियों को गुमराह कर रहा है. इधर इसी मुद्दे पर 24 […]

धनबाद: कोल इंडिया की इस दलील पर कि पेंशन फंड को लेकर कोई संकट नहीं, मजदूर नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. सीएमपीएफ ट्रस्टी बोर्ड के सदस्यों ने इस मामले में कोल इंडिया पर गलतबयानी का आरोप लगाते हुए कहा कि कोल इंडिया कर्मियों को गुमराह कर रहा है. इधर इसी मुद्दे पर 24 अप्रैल को धनबाद में सीएमपीएफ कमिश्नर के साथ होने वाली बैठक हंगामेदार होने की संभावना है. बैठक में बीसीसीएल के प्रभारी सीएमडी गोपाल सिंह, कोल इंडिया के अधिकारी व ट्रस्टी बोर्ड के सदस्य शामिल होंगे.
नेताओं ने कहा
रमेंद्र कुमार, जेबीसीसीआइ एवं ट्रस्टी बोर्ड सदस्य : काफी समय से सुन रहा था कि पेंशन फंड घाटे में चल रहा है. इधर कोल इंडिया के अधिकारी कहने लगे कि घाटा नहीं, दो सौ करोड़ का लाभ है. दरअसल कोल इंडिया ने शिगूफा छोड़ा है. 24 को सीएमपीएफ कमिश्नर के साथ बैठक है. उसके बाद बात करेंगे.
ब्रजेंद्र कुमार राय, जेबीसीसीआइ एवं ट्रस्टी बोर्ड सदस्य : पेंशन फंड के मामले में कोल इंडिया गुमराह कर रहा है. एकाउंटेंट की रिपोर्ट गलत है. पेंशन फंड के बारे में तीन तीन एक्च्यूरी ने अपनी रिपोर्ट में घाटे का जिक्र किया है. जेबीसीसीआइ की बैठक में कहा गया है कि पेंशन फंड में हर साल 1100 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है. इसके लिए सब कमेटी बनी. सब कमेटी की बैठक में हर बिंदु पर चर्चा हुई. तब कोल इंडिया के अधिकारियों ने क्यों नहीं सवाल उठाये. जबकि कोल इंडिया के डीपी ही सब कमेटी के चेयरमैन थे. मैं डंके की चोट पर कह सकता हूं कि एकाउंटेंट की रिपोर्ट कोल इंडिया ने मैनेज कर अपने पक्ष में बनवाया है.
डीडी रामानंदन, जेबीसीसीआइ एवं ट्रस्टी बोर्ड सदस्य : साल 2010 से पेंशन फंड को सस्टेनेबल बनाने की बात चल रही है. हर बैठक में कोल इंडिया, कोल मंत्रालय के अधिकारी शरीक होते रहे हैं. आज एक सीए की बात को सही मान कर तीन-तीन एक्च्यूरी रिपोर्ट को झूठा साबित कर रहे है. सभी मजदूर संगठनों का एकमत है कि पेंशन के बगैर दसवां वेतन समझौता संभव नहीं है.
राजेंद्र प्रसाद सिंगा, जेबीसीसीआइ एवं ट्रस्टी बोर्ड सदस्य : तीन एक्च्यूरियल रिपोर्ट में घाटे की रिपोर्ट है. कहा गया है कि पेंशन फंड को जिंदा रखने के लिए 20 प्रतिशत सहयोग राशि चाहिए. कोल इंडिया ने जेबीसीसीआइ की बैठक में 15 रूपया टन कोयले पर सेस लगाने की बात स्वीकार की थी. अब नया फंडा पेंशन फंड में राशि नहीं देकर कोल इंडिया वेतन समझौता टालने का बहाना बना रहा है.

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