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दुष्कर्म के प्रयास में एक वर्ष कैद की सजा

धनबाद: विवाहित महिला के साथ दुष्कर्म के प्रयास मामले में मंगलवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश (18) गुलाम हैदर की अदालत ने राजगंज निवासी मुर्शीद अंसारी को भादवि की धारा 354 में एक वर्ष कैद व चार हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी, जबकि भादवि की धारा 506 में छह माह व दो हजार […]

धनबाद: विवाहित महिला के साथ दुष्कर्म के प्रयास मामले में मंगलवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश (18) गुलाम हैदर की अदालत ने राजगंज निवासी मुर्शीद अंसारी को भादवि की धारा 354 में एक वर्ष कैद व चार हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी, जबकि भादवि की धारा 506 में छह माह व दो हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनायी. 17 मई 13 को आरोपी ने एक विवाहित महिला के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया था. घटना के बाद पीड़िता ने राजगंज थाना में 40/13 दर्ज कराया. केस के आइओ ने आरोप पत्र दायर किया.

प्रमोद सिंह हत्याकांड में रिटायर्ड डायरेक्टर का बयान दर्ज

कोयला व्यवसायी प्रमोद सिंह हत्याकांड की सुनवाई मंगलवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश (11) एसके पांडेय की अदालत में हुई. अदालत में सरायढेला थाना के तत्कालीन थानेदार मदन प्रसाद खरवार, हीरा खान, मो अयूब व मो अरशद हाजिर थे. जबकि संतोष सिंह गैर हाजिर थे. उनकी ओर से उनके अधिवक्ता सहदेव महतो ने दंप्रसं की धारा 317 का आवेदन दायर किया. अदालत में अभियोजन की ओर से सीबीआइ ने साक्षी डॉ राजेंद्र सिंह(रिटायर्ड डायरेक्टर सीएफएसएल, नयी दिल्ली) की गवाही करायी. डॉ सिंह ने अदालत को बताया कि उन्होंने घटना के बाद जब्त की गयी मोटर साइकिल (बीआर 17 सी 6546) की फोरेंसिक जांच 12 अक्तूबर 06 को की थी. सीबीआइ की ओर से दिल्ली से आये लोक अभियोजक राजन धैया ने साक्षी का मुख्य परीक्षण कराया. जबकि प्रतिपरीक्षण अधिवक्ता शहनबाज व पीके घोषाल ने किया. अपराधियों ने तीन अक्तूबर 2003 को घटना को अंजाम दिया था.

धोखाधड़ी मामले में तीन वर्ष की सजा

सरकारी जमीन का रैयती जमीन का फर्जी दस्तावेज बनाकर डेढ़ लाख रुपये धोखाधड़ी से लेने के एक मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव रंजन ने अपना फैसला सुनाते हुए जेसी मल्लिक रोड धनबाद निवासी प्रभात चंद्र मल्लिक को भादवि की धारा 420 में दोषी पाकर तीन वर्ष कैद व दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. बाद में अदालत ने सजायाफ्ता को प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश की अदालत में क्रिमिनल अपील अर्जी दायर करने के लिए अंशकालिक जमानत दे दी.

क्या है मामला : 19 अप्रैल 07 को प्रभात चंद्र मल्लिक ने शांतनु कुमार सिंह के साथ एक सेल एग्रीमेंट बना कर डेढ़ लाख रुपये एडवांस के रूप में ले लिया था. जमीन की कीमत 15 लाख 20 हजार रुपये लगायी गयी थी. जमीन एक एकड़ 96 डिसमील है. बाद में वादी शांतनु कुमार सिंह ने जमीन के संबंध में पता किया तो उक्त जमीन गैरअाबाद बिहार सरकार की निकली, जिस पेपर को दिखाकर एग्रीमेंट किया गया था. जब उसकी जांच पुरूलिया से करायी तो वह भी जाली निकला. अदालत में वादी ने 21 दिसंबर 09 को शिकायतवाद संख्या 2283/09 दायर किया था. वादी की ओर से तीन गवाहों की गवाहों करायी गयी. सजायाफ्ता की पत्नी दीपिका व पुत्री शर्विष्टा सीपी को केस नंबर 2282/09 भादवि की धारा 417, 418 में फरार घोषित किया जा चुका है.

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