जब तक हमारा सिलेबस बदलता है, तब तक विदेशों में नया सिलेबस लागू हो जाता है. इस तरह केवल सिलेबस के कारण यहां के विद्यार्थी पिछड़ जाते हैं. इसको देखते हुए हमारे स्टार्टअप में सबसे पहले आइआइटी आइएसएम के शिक्षक और फिर दूसरे आइआइटी के शिक्षकों को जोड़ने का प्रयास करेंगे. संस्थान निदेशक प्रो डीसी पाणिग्रही व प्रो चिरंजीव कुमार ने अपनी सहमति जतायी है.
जल्द ही संस्थान के सेंटर फॉर इन्नोवेशन, इनक्यूबेशन एवं इंटरप्रीनियरशिप में अपने स्टार्ट अप डेमो दिखायेंगे. स्टार्ट अप का नाम मांयस है. स्टार्ट अप टीम में एरिक्शन कंपनी में कार्यरत 2012 बैच के गौरव गोयल, 2013 बैच के स्नातकोत्तर छात्र अविनाश यादव शामिल हैं. इसके अलावा रांची की श्रेया सिन्हा मैनेजमेंट का काम देख रहीं हैं.