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राष्ट्रीय लोक अदालत. विभिन्न मामलों में 1,55,32,530 रुपये की वसूली, 1693 मामलों का हुआ निपटारा

धनबाद : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अविनाश कुमार दुबे ने बताया कि लोक अदालत में मुकदमों के निस्तारण के लिए 17 बेंच बनाये गये थे, जिनमें न्यायिक पदाधिकारी, संबंधित विभाग के अधिकारी तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल अधिवक्ताओं को सदस्य के रूप में रखा गया था. लोक अदालत सुबह 7:30 बजे […]

धनबाद : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अविनाश कुमार दुबे ने बताया कि लोक अदालत में मुकदमों के निस्तारण के लिए 17 बेंच बनाये गये थे, जिनमें न्यायिक पदाधिकारी, संबंधित विभाग के अधिकारी तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल अधिवक्ताओं को सदस्य के रूप में रखा गया था. लोक अदालत सुबह 7:30 बजे से दिन के करीब 1:00 बजे तक चली.

इसमें दीवानी तथा फौजदारी, बिजली विभाग, मोटर दुर्घटना बीमा से संबंधित वाद, बैंक ऋण वसूली वाद, वन विभाग, एनआइ एक्ट, रेलवे कोर्ट, उपभोक्ता कोर्ट एवं कुटुंब न्यायालय से संबंधित मुकदमों का निपटारा किया गया. बैंकों की ओर से एसबीआइ, इलाहाबाद बैंक एवं अन्य बैंक के प्रतिनिधि आये थे, जबकि इंश्योरेंस कंपनियों में सिर्फ नेशनल इंश्योरेंस कंपनी एवं न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को छोड़कर कोई सरकारी इंश्योरेंस कंपनी राष्ट्रीय लोक अदालत में नहीं आयी.

न्यायाधीश ने इंश्योरेंस कंपनियों को लताड़ा : सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में विशेष रुचि नहीं लेने एवं मामलों के निपटारा करने में सहयोग नहीं करने के कारण जिला विधिक सेवा प्राधिकार के चेयरमैन सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंबुज नाथ काफी नाराज हुए. उन्होंने विलंब से आये इंश्योरेंस कंपनी के प्रतिनिधियों को फटकार लगायी तथा कंपनी के वरीय पदाधिकारियों से मामले की शिकायत करने की बात कही. श्री नाथ ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारी पिछले कुछ दिनों से चल रही थी, जिसमें दो दिनों से झारखंड में काम करने वाली सभी सरकारी इंश्यारेंस कंपनियों के साथ बैठक भी की गयी थी, लेकिन राष्ट्रीय लोक अदालत में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी एवं न्यू इंडिया इंश्योरेस कंपनी को छोड़कर कोई भी सरकारी इंश्योरेंस कंपनी के प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हुए और ना ही मुकदमों के निपटारे में सहयोग की भावना रखी. कहा कि शीघ्र ही वे ऐसी सभी इंश्योरेंस कंपनियों की सूची तैयार कर आइआरडीए को इसकी रिपोर्ट सौंपेंगे तथा इस प्रकार की कंपनियों को झारखंड राज्य में काम ना करने की सिफारिश करेंगे.

विलंब से आने पर माला पहनाने को कहा

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने विलंब से आये इंश्योरेंस कंपनियों के प्रतिनिधियों को माला पहनाकर सम्मानित करने का आदेश अपने कर्मचारियों को दिया. इसके बाद इन कंपनी के अधिकारियों ने माफी की याचना की और भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने का आश्वासन दिया.

इंश्योरेंस से संबंधित 19 मामलों का निपटारा

राष्ट्रीय लोक अदालत में इंश्योरेंस कंपनियों से संबंधित कुल 32 मामले रखे गये थे, लेकिन 19 मामलों का ही निपटारा हो पाया. झारखंड में 22 सरकारी इंश्योरेंस कंपनियां कार्यरत हैं. दिन के करीब 12:30 बजे ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी की ओर से उनके अधिकारी संदीप चटर्जी उपस्थित हुए, लेकिन उनके पास किसी भी मुकदमे की विस्तृत जानकारी नहीं थी.

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