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मीर नियाजुद्दीन हत्याकांड में मशरूल शेख को उम्रकैद

धनबाद : झरिया के मीर नियाजउद्दीन का अपहरण कर उसकी हत्या कर शव छिपाने के मामले में गुरुवार को प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीया अंबुजनाथ की अदालत ने झरिया ऊपर कुल्ही निवासी जेल में बंद मशरूल शेख उर्फ बाबू शेख को उम्रकैद व दस-दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. जुर्माना राशि अदा नहीं करने […]

धनबाद : झरिया के मीर नियाजउद्दीन का अपहरण कर उसकी हत्या कर शव छिपाने के मामले में गुरुवार को प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीया अंबुजनाथ की अदालत ने झरिया ऊपर कुल्ही निवासी जेल में बंद मशरूल शेख उर्फ बाबू शेख को उम्रकैद व दस-दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी. अदालत ने शेख मंसुर उर्फ फेंकू, मो शाहिद उर्फ छोटका व बाबू शेख उर्फ हसन रजा को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया. फैसला सुनाये जाने के वक्त लोक अभियोजक टीएन उपाध्याय भी मौजूद थे.

क्या है मामला

असगरी खातून के पुत्र मीर नियाजुद्दीन को अपहरणकर्ताओं ने बाइक पर बैठा कर बोर्रागढ़ तिवारी जंगल में ले गया और फिरौती के रूप में चालीस हजार रुपये की मांग की. जब मीर नियाजउद्दीन के परिजनों ने चालीस हजार रुपये नहीं दिये तो अपहरणकर्ताओं ने उसकी हत्या कर शव को भूली बी ब्लॉक आम बागान स्थित तालाब में फेंक दिया. पुलिस ने 18 अप्रैल 16 को मीर नियाजुद्दीन की लाश को वहां से बरामद किया.

घूसखोर डॉक्टर को तीन वर्ष की सजा

सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश ग्यारह सचींद्र कुमार पांडेय की अदालत ने गुुरुवार को रिश्वतखोरी के एक मामले में केंद्रीय अस्पताल धनबाद के पूर्व डिप्टी चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ एसके गुप्ता को पीसी एक्ट की धारा-7 व 13(2) सहपठित 13(1) में दोषी पाकर तीन वर्ष की कैद व चालीस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. सीबीआइ के लोक अभियोजक कुंदन कुमार सिन्हा ने सजा के बिंदु पर जोरदार बहस की. बाद में अदालत ने सजायाफ्ता को झारखंड हाइकोर्ट में क्रिमिनल अपील याचिका दायर करने के लिए अंश कालिक जमानत दे दी. कारू दास कतरास क्षेत्र की राम कनाली कोलियरी में माइनर लोडर था. 2002 में उसका बाया हाथ व कंधा फ्रैक्चर हो गया था. उसने हल्का काम के लिए प्रबंधन के पास आवेदन किया. प्रबंधन ने उसको मेडिकल बोर्ड केंद्रीय अस्पताल धनबाद भेज दिया. केंद्रीय अस्पताल धनबाद के पूर्व डिप्टी सीएमओ ने हल्का का काम दिलाने के आदेश के एवज में पांच हजार रुपये बतौर रिश्वत की मांग की. श्री दास ने लिखित शिकायत सीबीआइ एसपी से की. 13 मार्च 07 को सीबीअाइ ने जाल बिछा कर आरोपित डॉक्टर को रिश्वत लेते घर दबोचा.

पत्नीहंता को सात वर्ष कैद

टीवी व साइकिल दहेज की मांग को लेकर पत्नी की हत्या करने के मामले में गुरुवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सत्रह एसडी त्रिपाठी की अदालत ने सजा के बिंदु पर फैसला सुनाते हुए टुंडी थाना क्षेत्र के कमियाडीह निवासी जेल में बंद मनोज रजवार (पति) को भादवि की धारा 304 (बी) में दोषी पाकर सात वर्ष कैद की सजा सुनायी. अदालत ने बीरू रजवार (ससुर) को संदेह का लाभ देते हुए रिहा कर दिया. अदालत ने 28 मार्च 17 को पति को दोषी करार दिया था. फैसला सुनाये जाने के वक्त अपर लोक अभियोजक अनिल कुमार झा भी अदालत में सजा की बिंदु पर बहस की. गोविंदपुर थाना क्षेत्र के बस्तीपुर निवासी जटल रजवार की पुत्री मुनिया देवी की शादी वर्ष 2011 में मनोज रजवार के साथ हुई थी. दहेज के लिए 25 जून 12 को उसके पति ने केरोसिन तेल छिड़कर आग लगा कर जला दी. पीएमसीएच धनबाद में हलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.

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